नेशनल

विश्वास, सुरक्षा और विकास की नीति से नक्सलवाद समाप्त करेंगे

वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में शामिल हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सुरक्षा, राज्यों के बीच समन्वय, विकास सम्बंधी मुद्दों पर आकृष्ट किया केंद्र सरकार का ध्यान

Spread the love
Listen to this article

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नक्सलवाद और आदिवासी इलाकों में हमारी नीति विश्वास, सुरक्षा और विकास की रही है। इस नीति के ही दम पर हम प्रदेश से नक्सलवाद का जड़ से समाप्त करेंगे। इसके बिना नक्सल समस्या को खत्म नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियांे की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने की।
श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विश्वास और विकास के लिए जो कदम उठाए हैं, उसके बारे में केंद्र सरकार को बताना चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि हमने वनवासियों को वन अधिकार पत्रों का वितरण कर उन्हें अधिकार संपन्न बनाया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बस्तर के जो स्कूल बंद हो चुके थे या नक्सलियों द्वारा तोड़ दिए गए थे, उन्हें पुनः चालू करवाया गया। उन्होंने सड़क निर्माण में आरआरपी-2 योजना में केंद्र से 60 प्रतिशत राशि की जगह शत-प्रतिशत राशि प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अकेला हमारा बस्तर अंचल केरल राज्य से बड़ा है। सड़क निर्माण के लिए केंद्र से साठ प्रतिशत अनुदान मिलता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां काम करना कठिन है। उन्होंने आरआरपी-1 योजना की तरह 100 प्रतिशत राशि देने का आग्रह किया।
श्री बघेल ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल प्रदेश में नक्सली घटनाओं में कमी आयी है। हमें स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने होंगे। राज्य सरकार इस दिशा में ठोस पहल कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पहुंच विहीन गांवों को सड़क सम्पर्क से जोड़ने के लिए ‘‘जवाहर सेतु योजना‘‘ शुरू की गई है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 के अवसर पर प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रतिदिन पौष्टिक भोजन निःशुल्क देने की शुरूआत की जाएगी। यह कदम कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्ति दिलाने की दिशा में निर्णायक कदम होगा। वन क्षेत्रों में आजीविका के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण एक प्रमुख साधन है, इसलिए सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 4 हजार रुपए कर दी है। वर्ष 2019 में वितरित किया गया संग्रहण पारिश्रमिक विगत वर्ष की तुलना में लगभग डेढ़ गुना है। यही नहीं ‘‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना‘‘ के तहत आदिवासी बहुल अंचलों में स्वास्थ्य जांच, इलाज तथा दवा वितरण की सुविधा का विस्तार किया जा रहा है, जिसका लाभ विशेषकर सुदूर अंचल में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों को मिलेगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बैठक में सुरक्षा, राज्यों के बीच समन्वय और इन क्षेत्र में विकास सम्बंधी विभिन्न विषयों पर केंद्र का ध्यान आकृष्ट कराया। बैठक में बताया गया कि राज्य में सुरक्षा और विकास के लिए उच्च स्तर पर यूनीफाईड कमांड की परिकल्पना की गई थी ताकि रणनीति दृष्टि से निगरानी की व्यवस्था के साथ समन्वय सम्बंधी सभी मुद्दों का त्वरित समाधान किया जा सके। बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ सहित 6 राज्यों ने यूनीफॉईड कमांड का गठन कर लिया है।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभाव वाले इलाकों में सड़क संपर्क में सुधार करने के लिए ‘सड़क आवश्यकता योजना’ (आरआरपी-1) 8 राज्यों के 34 जिलांे में शुरू की गई थी। छत्तीसगढ़ में योजना के तहत लगभग 1500 किलोमीटर से अधिक लम्बाई की सड़कें बनाई जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल वनवासियों के विकास और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार की नई पहल पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि राज्य में आदिवासियों के खिलाफ फर्जी और झूठे केसों की वापसी की प्रक्रिया चल रही है। रोजगार के लिए आदिवासी इलाकों में खाद्य प्रसंस्करण केंद्रो की स्थापना, लोहांडीगुंडा में जमीन वापसी, अबुझमाड़ इलाके में राजस्व पट्टों का वितरण आदि अनुकरणीय कार्य किए जा रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव सुनील कुजूर और पुलिस महानिदेशक डी एम अवस्थी भी उपस्थित थे।

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Back to top button