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बीएलओ पर भाजपा पदाधिकारी अजय विश्वकर्मा का आतंक ! धमकी, गाली-गलौज और काम में बाधा… जिला निर्वाचन अधिकारी से सख़्त कार्रवाई की मांग

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कोरबा। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) के दौरान कोरबा शहर के कई वार्डों में बीएलओ (Booth Level Officers) पर दबाव, डर और धमकी का माहौल बन गया है। शिवाजी नगर, रवि शंकर नगर और कृष्णा नगर—इन तीनों क्षेत्रों में निर्वाचन आयोग का निर्देशित कार्य कर रहे बीएलओ ने अब जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखित शिकायत दी है। आरोप है कि खुद को भारतीय जनता पार्टी का पदाधिकारी बताने वाला अजय विश्वकर्मा लगातार कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज कर रहा है, धमकी दे रहा है और आयोग के कार्य में खुलेआम बाधा डाल रहा है।

घर-घर फॉर्म बाँटने पहुंचे बीएलओ से बदसलूकी

सूत्रों के अनुसार बीएलओ बूथ 155, 157, 168 और 169 में घर-घर जाकर SRR-2025 के तहत फॉर्म 6, 7, 8 एवं 8A का वितरण और संग्रहण कर रहे थे। साथ ही व्हाट्सएप के माध्यम से नागरिकों को जानकारी देकर विशेष कैंप भी आयोजित किए जा रहे थे।
इसी दौरान कई बार ऐसा हुआ कि अजय विश्वकर्मा मौके पर पहुँच गया और कर्मचारियों को अपमानित करने लगा। बीएलओ ने बताया कि अजय न सिर्फ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है, बल्कि धमकाते हुए कहता है—
“तुम लोग सिर्फ फॉर्म मत दो खुद ही सबका फॉर्म भरवाओ, वरना मैं सबकी नौकरी खा जाऊँगा।”

कर्मचारियों का आरोप है कि अजय बार-बार उनकी टीम पर दबाव बनाता है कि वे फॉर्म खुद भरें, उसके कहे अनुसार काम करें, और यदि विरोध करेंगे तो परिणाम भुगतेंगे। उसकी भाषा और व्यवहार से कर्मचारी भयभीत हैं।

महिला बीएलओ मानसिक रूप से परेशान, फील्ड में जाने से हिचकिचाहट

कुछ महिला बीएलओ ने बताया कि अजय विश्वकर्मा द्वारा लगातार पीछा किया जा रहा है, गाली-गलौज की जा रही है और अपमानजनक बात कही जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की धमकियों से फील्ड में जाकर काम करना असुरक्षित महसूस होता है।
मतदाता सूची सुधार जैसे संवेदनशील कार्य में इस प्रकार का व्यवधान सीधे-सीधे प्रशासनिक प्रक्रिया को प्रभावित करता है।

विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य ठप होने की कगार पर

बीएलओ के अनुसार हर वार्ड में निर्धारित समय-सीमा के भीतर SRR पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
जब भी वे घर-घर सर्वे में निकलते हैं, अजय अचानक आकर माहौल खराब कर देता है।
सर्वेक्षण के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर झगड़ाने, चिल्लाने और अपमान करने से लोग भी असहज हो जाते हैं, जिससे फॉर्म भरवाने में दिक्कत आती है।

एक बीएलओ ने बताया—
“हम जनता के घर फॉर्म बाँटते हैं तो लोग पूछते हैं कि यह विवाद क्यों हो रहा है ? इससे निर्वाचन आयोग की साख पर भी असर पड़ा है।”

जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपी गई शिकायत

कर्मचारियों ने पूरी घटना का संकलन करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी, कोरबा को लिखित शिकायत सौंपी है।

अब प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी निगाहें

शिकायत के बाद अब जिला प्रशासन की भूमिका अहम हो गई है।
चुनावी कार्य में बाधा डालना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और इस पर कड़ी प्रशासनिक व कानूनी कार्रवाई संभव है।
देखना होगा कि जिला निर्वाचन अधिकारी इस पर क्या कदम उठाते हैं।

फिलहाल बीएलओ चाहता है कि उन्हें सुरक्षित माहौल मिले ताकि वे लोकतांत्रिक अधिकारों से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य बेखौफ होकर पूरा कर सकें।

 
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