बाल मेले में खिली प्रतिभा, महापौर संजू देवी ने किया भव्य उत्सव का शुभारंभ बाल मेले में उमड़ी रौनक, महापौर संजू देवी ने बच्चों के उत्सव को बनाया यादगार

कोरबा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बलगीखार में बाल मेला, वार्षिक उत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कोरबा की महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत ने किया। विद्यालय प्रबंधन एवं छात्र-छात्राओं द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया।
महापौर ने रिबन काटकर बाल मेले का उद्घाटन किया, जहां स्कूली बच्चों द्वारा आकर्षक स्टॉल लगाकर विविध खाद्य सामग्री एवं स्वनिर्मित वस्तुओं का वितरण किया जा रहा था।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत विद्यार्थियों की मनमोहक प्रस्तुतियों से हुई, जिनमें स्वागत नृत्य ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। बच्चों की प्रतिभा को देखते हुए दर्शक देर तक तालियां बजाते रहे। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
महापौर संजू देवी राजपूत ने कहा कि “आज के बच्चे ही कल देश का भविष्य हैं, और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए छत्तीसगढ़ शासन निरंतर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटा है।” उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी और कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन जी के प्रयासों से कोरबा शहर के विकास के लिए 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है, जिन पर तेजी से कार्य प्रारंभ हो चुका है। महापौर ने विद्यालय परिसर के विकास से जुड़ी मांगों को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने कहा कि विद्यालय आकर उन्हें अपना बचपन याद आ गया। “हम भी इसी तरह उत्साह और उमंग के साथ स्कूल में पढ़ाई करते थे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे। आज वही उत्साह बच्चों में देखकर मन प्रसन्न हो गया,” उन्होंने कहा। साथ ही विद्यालय के शिक्षकों के कार्य की सराहना करते हुए इसे उत्कृष्ट बताया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पार्षद नरेंद्र देवांगन की धर्मपत्नी
ज्योति देवांगन, विद्यालय की प्राचार्य स्नेहा शर्मा, अभिमन्यु साहू, वार्ड पार्षद अयोध्या केवट, पार्षद विनय तिवारी सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
बाल मेले में विद्यार्थियों की भारी भागीदारी देखने को मिली। बच्चों द्वारा लगाई गई विविध थीम आधारित स्टॉल, हस्तनिर्मित वस्तुएं और स्वादिष्ट व्यंजन आकर्षण का केंद्र बने रहे। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने पूरे माहौल को उत्साह से भर दिया।
इस भव्य आयोजन ने न केवल बच्चों को अपने हुनर और रचनात्मकता प्रदर्शित करने का अवसर दिया, बल्कि उपस्थित जनसमूह को भी अपने बचपन की यादों से जोड़ते हुए एक खुशनुमा अनुभूति प्रदान की।

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