रायपुर/बिलासपुर/कोरबा।
वरिष्ठ आईपीएस अफसर रत्नलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच अब शिकायतकर्ता महिला के ही परिवार ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। महिला की बड़ी बहन और जीजा ने आगे आकर अपनी ही रिश्तेदार के दावों को झूठा ठहराया है, जिससे पूरे मामले का रुख ही बदलता नजर आ रहा है।
परिजनों के मुताबिक, जिस महिला ने आईजी डांगी पर आरोप लगाए हैं, वह बचपन से ही विवादित स्वभाव की रही है और इस तरह के झूठे आरोप पहले भी लगा चुकी है।
महिला की बड़ी बहन ने मीडिया से चर्चा में कहा,
“मेरी छोटी बहन ऐसी हरकतें पहले भी कर चुकी है। उसने हमारे पिता और मेरे पति तक को झूठे मामलों में फंसा दिया था। वह जब नाबालिग थी, तब कई बार अलग-अलग लड़कों के साथ घर छोड़कर चली गई थी। उसकी वजह से पूरा परिवार टूट गया। अब उसने एक ईमानदार अधिकारी को निशाना बनाया है।”
परिवार के सदस्यों ने आगे बताया कि महिला धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग जैसे मामलों में पहले भी शामिल रही है।
जीजा ने कहा,
“वह कई बार झूठे आरोप लगाकर पैसों की मांग करती थी। हमारे पास उसके पुराने केस के दस्तावेज और बयान मौजूद हैं। जांच एजेंसियों को इन्हें जरूर देखना चाहिए।”
सूत्रों के अनुसार, महिला के खिलाफ कुछ पुराने शिकायत पत्र और जांच रिकॉर्ड भी सामने आए हैं, जिन्हें अब इस केस से जोड़कर देखा जा सकता है।
आईपीएस डांगी ने भी दर्ज कराई ब्लैकमेलिंग की शिकायत
उल्लेखनीय है कि आईपीएस रतनलाल डांगी ने डीजीपी को भेजी अपनी लिखित शिकायत में बताया था कि महिला उन्हें लगातार ब्लैकमेल कर रही है। उन्होंने कहा कि वह जहर की शीशी लेकर धमकी देती थी, वीडियो कॉल पर दिनभर निगरानी रखती थी और परिवार से दूर रहने के लिए अनुचित शर्तें थोप रही थी।
आईजी डांगी के मुताबिक, महिला ने धमकी दी थी कि अगर उसकी बात नहीं मानी तो वह आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक कर देगी। डांगी ने इसे एक “सोची-समझी साजिश और मानसिक उत्पीड़न” बताया है।
जनता और पूर्व सहयोगियों का समर्थन
कोरबा, बीजापुर और दुर्ग में एसपी रहे डांगी की गिनती राज्य के ईमानदार और सख्त पुलिस अधिकारियों में होती है। कोरबा के नागरिकों का कहना है कि यह आरोप उनकी साख को धूमिल करने की कोशिश है।
स्थानीय लोगों का कहना है,
“जहां भी रतनलाल डांगी रहे, उन्होंने बेहतर पुलिसिंग और जनता से जुड़ाव की मिसाल पेश की। सच सामने आने पर सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।”

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