कोरबा। छत्तीसगढ़ कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रत्नलाल डांगी पर लगे दैहिक शोषण के आरोपों ने प्रदेश की पुलिस व्यवस्था में हलचल मचा दी है। डांगी वर्तमान में चंदखुरी पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में निदेशक पद पर कार्यरत हैं। यह आरोप तब सामने आए जब एक सप्ताह के भीतर छत्तीसगढ़ में पुलिस कमिश्नर प्रणाली प्रारम्भ होने वाली है सूत्र बताते है कि आईपीएस डांगी इस रेस में सबसे आगे चल रहे थे अगर सबकुछ ठीक रहता तो उनकी पोस्टिंग कभी भी हो सकती है लेकिन उसके ठीक पहले इस तरह का बेहूदा आरोप लग गया है।
जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर के एक सब-इंस्पेक्टर की पत्नी ने आईजी रतनलाल डांगी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं डांगी ने इसे ब्लैकमेलिंग और षड्यंत्र करार दिया है। उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखकर महिला और उसके सहयोगियों के खिलाफ मानसिक उत्पीड़न, भयदोहन और झूठे प्रकरण में फंसाने की शिकायत की है।
कोरबा में डांगी की पहचान एक कड़े लेकिन निष्पक्ष अफसर के रूप में रही है। जब वे कोरबा जिले में एसपी थे, तब जनता के बीच उनकी कार्यकुशलता और ईमानदारी की चर्चा आम थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि “बतौर एसपी और आईजी जहां भी रतनलाल डांगी रहे, वहां एक अलग छाप छोड़ी। ऐसे अधिकारी को बदनाम करने की कोशिश करना बेहद निंदनीय है।”
जनता का कहना है कि यह पहला मौका नहीं जब किसी वरिष्ठ अधिकारी पर इस तरह के आरोप लगाए गए हों। कुछ वर्ष पहले तत्कालीन आईजी पवन देव और जांजगीर के तत्कालीन कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक पर भी अलग-अलग महिला द्वारा इसी तरह के आरोप लगाए गए थे, लेकिन बाद में सच्चाई सामने आने पर षड्यंत्र का पता लगा और दोनों अधिकारी निर्दोष साबित हुए।
योग से तंदुरुस्त रहने का मंत्र देने वाले डांगी पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया में बहुत पॉपुलर हुए है। लोगों को उम्मीद है कि इस मामले में भी सच्चाई सामने आकर एक ईमानदार अधिकारी की साख बहाल होगी।

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