छत्तीसगढ़

जीवन दायिनी साथी फाउंडेशन” छत्तीसगढ़ ने सामाजिक सरोकार और बच्चों के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक सराहनीय पहल की

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संस्था ने आज शासकीय प्राथमिक शाला, धनरास (छुरी) में बच्चों को नाश्ता प्लेट, दरी और चटाई वितरित कर उनकी शिक्षा यात्रा को सहज और सुविधाजनक बनाने का कार्य किया।

 

धनरास (छुरी), कोरबा (ग्रामयात्रा ,छत्तीसगढ़)।यह कार्यक्रम संस्था के प्रमुख गुरुनाथ जांगड़े जी, मोहम्मद जहांगीर खान जी, विजय मनहर जी और सत्यजीत राय जी, धन बाई जी, अनिता ogre जी,के मार्गदर्शन तथा प्रेरणा से संपन्न हुआ। उनके नेतृत्व में संस्था के कार्यकर्ताओं और सदस्यों ने मिलकर इस पहल को सफल बनाया।

बच्चों के चेहरे पर मुस्कान

विद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान जब बच्चों को नाश्ता प्लेट और दरी-चटाई भेंट की गई तो उनके चेहरों पर मुस्कान खिल उठी। छोटे-छोटे बच्चों के लिए यह महज सामान नहीं बल्कि शिक्षा के प्रति प्रेरणा का साधन था। नाश्ता प्लेट से बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति होगी और दरी-चटाई के सहारे उन्हें बैठकर पढ़ने में सुविधा होगी।

समाजसेवी भावना की मिसाल

कार्यक्रम में सहयोग करने वाले प्रमुख सदस्यों और समाजसेवियों का योगदान विशेष उल्लेखनीय रहा। इनमें अनिता भटपहरे, डॉ. अनु खूंटे, रामप्यारी, रश्मि, अंजू जांगड़े, संगीता चनापे, संजय जांगड़े और भगवती दिनकर जी का नाम शामिल है। इन सभी ने न केवल सामग्री वितरण में सहयोग दिया, बल्कि बच्चों को प्रोत्साहित करने और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ भी दीं।

संस्था का उद्देश्य

“जीवन दायिनी साथी फाउंडेशन” का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वावलंबन की दिशा में सहयोग देना है। संस्था समय-समय पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंदों की सहायता के लिए इस प्रकार के आयोजन करती रहती है। धनरास शाला में आयोजित यह कार्यक्रम संस्था की प्रतिबद्धता का प्रतीक है कि शिक्षा ही सशक्त समाज की नींव है।

प्रमुख मार्गदर्शकों का संदेश

संस्था के मार्गदर्शक गुरुनाथ जांगड़े जी ने कहा कि “बच्चों को शिक्षा देना और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना ही सच्ची सेवा है। आने वाली पीढ़ी जब मजबूत होगी तभी समाज और देश का भविष्य उज्जवल होगा।”
वहीं मोहम्मद जहांगीर खान जी ने बच्चों को मेहनत और लगन से पढ़ाई करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि “हम सब मिलकर शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाएँगे और हर बच्चे को उसके अधिकार दिलाएँगे।”
विजय मनहर जी और सत्यजीत राय जी ने भी बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ संस्कार और अनुशासन पर ध्यान देने की बात कही।

सम्माननीय सहयोगियों का आभार

कार्यक्रम के अंत में संस्था ने उन सभी सम्माननीय साथियों का विशेष आभार व्यक्त किया जिनकी मदद से यह आयोजन सफल हो सका। अनिता भटपहरे, डॉ. अनु खूंटे, रामप्यारी, रश्मि, अंजू जांगड़े, संगीता चनापे, संजय जांगड़े और भगवती दिनकर जी जैसे समर्पित साथियों ने अपनी निष्ठा और सहयोग से संस्था की सेवा यात्रा को मजबूत किया।

शिक्षा ही असली दान

ग्रामीण अंचलों में शिक्षा को बढ़ावा देने और बच्चों के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। इस दिशा में “जीवन दायिनी साथी फाउंडेशन” का यह कदम न केवल बच्चों बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणादायी है। शिक्षा का असली उद्देश्य केवल ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि बच्चों को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाना है। इसी सोच के साथ संस्था लगातार कार्य कर रही है।

निष्कर्ष

धनरास प्राथमिक शाला में हुए इस वितरण कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि समाज के लोग मिलकर कार्य करें तो शिक्षा और विकास की राह में आने वाली हर बाधा को दूर किया जा सकता है। संस्था और उसके सहयोगियों की इस पहल ने गाँव के बच्चों के जीवन में नई ऊर्जा और उम्मीद भर दी है।

कार्यक्रम का समापन बच्चों और अध्यापकों की ओर से धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। विद्यालय परिवार ने “जीवन दायिनी साथी फाउंडेशन” के इस योगदान को सराहनीय बताते हुए भविष्य में भी ऐसे सहयोग की अपेक्षा जताई।

संस्था सभी सहयोगियों और समाज के शुभचिंतकों को धन्यवाद ज्ञापित करती है और आगे भी शिक्षा व सामाजिक उत्थान के कार्यों में सक्रिय रहने का संकल्प लेती है।

 
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