थाने में न्याय मांगने पहुंची महिला के साथ मारपीट, TI और स्टाफ के खिलाफ FIR

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। राजधानी के महिला थाने में न्याय की आस लेकर पहुंची एक महिला के साथ थाने में ही मारपीट का मामला सामने आया है। तत्कालीन महिला थाना प्रभारी, महिला स्टाफ और पीड़िता के पति पर गाली-गलौज और डंडे-बेल्ट से पीटने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़िता की ओर से कोर्ट में दायर याचिका के बाद अब कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
पारिवारिक विवाद से शुरू हुआ मामला
पीड़िता यास्मीन बानो का अपने पति सैयद आसिफ अली के साथ पारिवारिक विवाद चल रहा था। इसी सिलसिले में यास्मीन ने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन तीन बार काउंसलिंग के बावजूद जब मामला नहीं सुलझा, तो यास्मीन ने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। उस समय थाने की प्रभारी थीं वेदवति दरियो, जिन्होंने यास्मीन की शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की।
एसपी से की शिकायत, फिर थाने बुलाकर पीटा
एफआईआर न होने से नाराज़ होकर यास्मीन ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। इसके बाद 17 मार्च 2024 को टीआई वेदवति दरियो ने यास्मीन को थाने बुलाया। जब यास्मीन अपनी मां के साथ थाने पहुंची, तब वहां पहले से उसका पति आसिफ अली और उसके साथी देवेंद्र सोनकर व भरत ठाकुर मौजूद थे।
पीड़िता का आरोप है कि थाने के भीतर टीआई वेदवति दरियो और अन्य स्टाफ ने उसकी बातों को नजरअंदाज किया, जिसके बाद पति आसिफ ने उसे गालियां दीं। माहौल बिगड़ने पर महिला थाना स्टाफ ने यास्मीन और उसकी मां को डंडे व बेल्ट से पीटा। यास्मीन के अनुसार, उसके शरीर पर कई जगह गहरे निशान पड़े, लेकिन इसके बावजूद थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
कोर्ट से मिला न्याय, अब शुरू हुई जांच
थाने से न्याय न मिलने पर यास्मीन ने अदालत में परिवाद दायर किया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने शनिवार को धारा 294, 323, 506(2)/34 के तहत एफआईआर दर्ज की है। इसमें तत्कालीन महिला थाना प्रभारी वेदवति दरियो, एसआई शारदा वर्मा, सिपाही फगेश्वरी कंवर और यास्मीन के पति सैयद आसिफ अली को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस की जांच शुरू, पीड़िता बोली— “थाने में भी सुरक्षित नहीं”
कोतवाली पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है। यास्मीन का कहना है कि जहां न्याय मिलना चाहिए था, वहीं उसे प्रताड़ना सहनी पड़ी। उसने कहा कि अब उसे केवल कोर्ट से ही इंसाफ की उम्मीद है।
इस घटना ने महिला सुरक्षा और पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
