
पूर्व सीएम के निवास पर ईडी की कार्रवाई का कांग्रेस विधायकों ने जताया विरोध
भिलाई (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। भिलाई-तीन स्थित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई की खबर मिलते ही प्रदेशभर के कांग्रेस विधायकों में आक्रोश फैल गया। बीजापुर से लेकर मानपुर, रायगढ़, कोटा, जैजपुर सहित विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के 35 से अधिक विधायक अपने समर्थकों के साथ भूपेश बघेल के निवास पर पहुंचे।
यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है : उमेश पटेल
पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने इस कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण और द्वेषपूर्ण बताते हुए कहा, “यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है। लगातार कांग्रेस के विधायक विधानसभा में जनहित के मुद्दे उठा रहे हैं, जिससे भाजपा सरकार घिरती नजर आ रही है। जब कवासी लखमा ने सवाल उठाया तो उन्हें ईडी भेजकर जेल में डाल दिया गया। कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और पाटन विधायक भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा उठाया था, जिससे सरकार को जवाब देना मुश्किल हो गया। अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए डबल इंजन सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है। लेकिन कांग्रेस के नेता कभी अंग्रेजों से नहीं डरे, तो इन एजेंसियों से भी डरने वाले नहीं हैं।”
‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई’ – विक्रम मंडावी
बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की कार्यवाही करार देते हुए कहा, “विपक्ष के नेता विधानसभा में जनता के मुद्दे उठा रहे हैं, जिससे सरकार घबराई हुई है। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भाजपा सरकार कांग्रेस नेताओं को ईडी के जरिए परेशान कर रही है।”
‘लोकतंत्र की हत्या’ – विधायक कुंवर निषाद
गुंडरदेही विधायक कुंवर निषाद ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा, “यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। जनता ने हमें चुनकर भेजा है, और हम सरकार की नाकामियों को उजागर कर रहे हैं। इसी वजह से सरकार ईडी को भेजकर कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित कर रही है।”
बघेल निवास पर कांग्रेस नेताओं की भारी मौजूदगी
इस दौरान पूर्व मंत्री अटल श्रीवास्तव, विधायक दलेश्वर साहू, द्वारिकाधीश यादव, पूर्व विधायक अरुण वोरा समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर एकजुट हुए। कांग्रेस नेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार के दबाव में आने वाले नहीं हैं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा।