छत्तीसगढ़

संत गुरु घासीदास जी का संदेश ‘मनखे-मनखे एक समान’ ही विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला : मुख्यमंत्री साय

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सारंगढ़ । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शनिवार को सारंगढ़ स्थित गुरु घासीदास ज्ञान स्थली, पुष्पवाटिका में आयोजित तीन दिवसीय संत गुरु घासीदास रजत जयंती समारोह के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने ज्ञान स्थली में स्थापित जैतखाम में विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

इस अवसर पर सतनामी समाज द्वारा मुख्यमंत्री साय का गजमाला से आत्मीय स्वागत किया गया तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय भूषण पाण्डेय, पूर्व विधायक निर्मल सिन्हा, डॉ. छबिलाल रात्रे, केराबाई मनहर, कामदा जोल्हे, ज्योति पटेल, सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, सामाजिक पदाधिकारी एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि परम पूज्य संत गुरु घासीदास बाबा केवल एक समाज के नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानव समाज के मार्गदर्शक थे। उन्होंने “मनखे-मनखे एक समान” का जो महान संदेश दिया, वह सामाजिक समानता, मानव गरिमा और भाईचारे की सशक्त नींव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी ने उस दौर में सत्य, अहिंसा और समानता का संदेश दिया, जब समाज छुआछूत, भेदभाव और रूढ़ियों से ग्रस्त था। उनके विचार आज भी समाज को दिशा देने वाले हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार संत गुरु घासीदास बाबा के इन्हीं विचारों से प्रेरणा लेकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और न्याय पहुंचाने का कार्य कर रही है। समतामूलक समाज की स्थापना, कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता सरकार की प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी का सतनाम दर्शन सामाजिक चेतना का आधार है, जो आज भी समाज को जोड़ने का कार्य कर रहा है। बाबा जी ने मानवता, करुणा और सामाजिक समरसता का जो मार्ग दिखाया, वही आज एक समतामूलक समाज की मजबूत नींव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा किया गया है। प्रदेश में 18 लाख प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति दी गई है, जिससे गरीब परिवारों को सम्मानजनक जीवन मिला है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है तथा खरीदी पूर्ण होने के पश्चात किसानों को अंतर की राशि शीघ्र उनके खातों में अंतरित की जाएगी। सरकार प्रत्येक पात्र किसान से धान खरीदी के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बीते दो वर्षों में प्रदेश में धान का रकबा और किसानों की संख्या बढ़ी है, जो कृषि क्षेत्र में सरकार की नीतियों पर किसानों के विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि राज्य में 70 लाख से अधिक महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है, जिससे महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुदृढ़ हुई है। पीएससी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि युवाओं को योग्यता के आधार पर अवसर मिल सके।

उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग के बेटा-बेटियों को उद्यमी बनने का अवसर दिया जा रहा है। यह नीति रोजगार सृजन के साथ-साथ सामाजिक न्याय को भी मजबूती देती है। मुख्यमंत्री ने सभी समाज वर्गों से संत गुरु घासीदास बाबा के विचारों को आत्मसात कर विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनने का आह्वान किया।

परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के इस पावन अवसर पर उपस्थित आप सभी को मैं हृदय से बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। आज बाबा गुरु घासीदास जी के ज्ञान स्थली में आकर मुझे अत्यंत आत्मिक शांति और प्रेरणा मिली है। मैंने बाबा से छत्तीसगढ़ की सुख-शांति, समृद्धि और हर घर में खुशहाली की कामना की है।

यह ज्ञान स्थली एक पवित्र स्थल है, जहां बाबा गुरु घासीदास जी ने विश्राम किया और आत्मबोध प्राप्त किया। बाद में उन्होंने छाता पहाड़ में तपस्या कर समाज को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया। आज उनके वंशजों से बाबा जी के जीवन दर्शन और परंपराओं को विस्तार से सुनने का अवसर मिला, जो मेरे लिए भी अत्यंत प्रेरणादायक रहा। हमारी सरकार बाबा गुरु घासीदास जी के विचारों से प्रेरणा लेकर “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मूल मंत्र पर कार्य कर रही है।

गुरु घासीदास के वंशज और राज्य के कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी का संदेश केवल सतनामी समाज के लिए नहीं, बल्कि सर्व समाज और सम्पूर्ण मानवता के लिए है। बाबा जी द्वारा दिया गया “मनखे-मनखे एक समान” का विचार सामाजिक समरसता, समानता और भाईचारे की मजबूत नींव है। उन्होंने कहा कि आज बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती केवल छत्तीसगढ़ या भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे विश्व में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी हम सबके लिए अनेक पवित्र निशानियाँ छोड़कर गए हैं। गिरौदपुरी और भंडारपुरी धाम में स्थापित जैतखाम, सादा झंडा, डंडा और चौकोर चबूतरा केवल धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि मानव जीवन का गहन आध्यात्मिक संदेश देते हैं। बाबा जी ने सादा जीवन, सत्य, अहिंसा और स्वच्छता को जीवन का मूल आधार बताया।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि चौकोर चबूतरा मानव जीवन का प्रतीक है, जिसे साधारण रखते हुए सदैव स्वच्छ रखना चाहिए। यही संदेश बाबा गुरु घासीदास जी ने समाज को दिया। उन्होंने सिखाया कि जीवन में विनम्रता सबसे बड़ा गुण है—“बड़े बड़े सब कोय, जो छोटा बन जाय उससे बड़ा न कोय” माता-पिता को प्रथम गुरु मानते हुए उनके प्रति सम्मान तथा समाज के बुजुर्गों और ज्ञानीजनों के आदर को जीवन का आवश्यक अंग बताया।

 

उन्होंने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के अनुसार समाज की उन्नति के लिए खान-पान में संयम, नशा मुक्त जीवन, तथा स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क अनिवार्य है। सत्य बोलना, सत्य सुनना और सत्य के मार्ग पर चलना ही बाबा जी का मूल संदेश है, जो व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को उन्नति की दिशा में ले जाता है।

मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बीते दो वर्षों में अनुसूचित जाति समाज के विकास को नई गति मिली है। गिरौदपुरी धाम के सर्वांगीण विकास के लिए जैतखाम, मंदिर परिसर, अमृत कुंड, छाता पहाड़ तक सड़क, सीढ़ियों एवं प्रकाश व्यवस्था जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हुए हैं।

 

श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुख्य प्रवेश द्वार से मंदिर तक शेड निर्माण हेतु 3 करोड़ रुपये तथा अन्य विकास कार्यों के लिए 2 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।

उन्होंने बताया कि भंडारपुरी धाम के विकास के लिए 17 करोड़ 11 लाख 22 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे वहां अधोसंरचना के कार्य शीघ्र प्रारंभ होंगे। शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित जाति समाज के उत्थान हेतु प्रत्येक वर्ष पांच प्रतिभावान युवाओं को पायलट प्रशिक्षण के लिए 15-15 लाख रुपये की सहायता प्रदान करने का निर्णय भी लिया गया है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति समाज को देश और प्रदेश में सम्मान दिलाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। देश के सर्वोच्च पद पर अनुसूचित जाति समाज के प्रतिनिधित्व से समाज का आत्मविश्वास और स्वाभिमान बढ़ा है। छत्तीसगढ़ में भी समाज के प्रतिनिधियों को महत्वपूर्ण दायित्व सौंपे गए हैं।

 

उन्होंने समाज से अपील की कि बाबा गुरु घासीदास जी के संदेशों को आत्मसात करते हुए सभी समाज आपसी भाईचारे, एकता और समरसता के साथ आगे बढ़ें। किसी भी प्रकार के भ्रम या भेदभाव से दूर रहकर “मनखे-मनखे एक समान” के विचार को व्यवहार में उतारें।

अंत में उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सतनामी समाज सहित सर्व समाज का तीव्र गति से विकास होगा और बाबा गुरु घासीदास जी के आदर्शों पर आधारित एक समरस, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा।

राजस्व मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री और सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि, बाबा गुरु घासीदास जी के सन्देश को आत्मसात करने की जरूरत है। पिछली बार सीएम ने सारंगढ़ को 50 करोड़ का सौगात दिया था। पीएम मोदी के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री लगातार कार्य कर रहे हैं प्रदेश के सभी उद्योगों को बढ़ावा दे रहे हैं।

 
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