
छत्तीसगढ़ प्रशासन में अपनी ईमानदारी, संवेदनशीलता और कड़े फैसलों के लिए पहचाने जाने वाले आईएएस अजीत वसंत (2013 बैच) ने सरगुजा जिले के कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है। कोरबा के बाद सरगुजा जैसे बड़े और संवेदनशील जिले की जिम्मेदारी सौंपा जाना इस बात का संकेत है कि शासन को उनकी प्रशासनिक क्षमता पर पूरा भरोसा है। बतौर कलेक्टर यह उनका चौथा जिला है।
अजीत वसंत छत्तीसगढ़ के उन चुनिंदा अफसरों में गिने जाते हैं, जिन्होंने कभी पद और रुतबे का दिखावा नहीं किया। वर्ष 2015 में दरभंगा की वह घटना आज भी प्रशासनिक ईमानदारी की मिसाल मानी जाती है, जब निजी बस यात्रा के दौरान उनके परिवार का बैग चोरी हो गया। एफआईआर के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने आईएएस होने का रौब दिखाने के बजाय एक आम नागरिक की तरह शांतिपूर्ण धरने की घोषणा कर दी। नतीजा यह हुआ कि 24 घंटे के भीतर न केवल चोर गिरफ्तार हुआ, बल्कि चोरी के सबूत भी बरामद हुए—जिन्हें जुटाने में अजीत वसंत ने खुद सक्रिय भूमिका निभाई।
कोरबा में कलेक्टर रहते हुए वे किसी भी राजनीतिक दबाव में नहीं आए। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर और पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल जैसे दिग्गज नेताओं के दबाव के बावजूद वे सच और नियम के साथ डटे रहे, जिससे उनका कार्यकाल प्रशासनिक दृढ़ता का उदाहरण बन गया।
कोरबा में उनके कार्यकाल के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर सुधार हुए। जर्जर स्कूलों का जीर्णोद्धार, छात्राओं के लिए हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक मशीनें, नए स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी निर्माण और 145 करोड़ की सड़क परियोजनाएं उनकी कार्यशैली की झलक हैं।
अब सरगुजा की कमान संभालने के साथ ही यह उम्मीद की जा रही है कि अजीत वसंत यहां भी सुशासन, पारदर्शिता और विकास की वही मजबूत छाप छोड़ेंगे, जिसके लिए वे प्रदेशभर में जाने जाते हैं।

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