अपराधछत्तीसगढ़ब्रेकिंग न्यूज़राजनीतीरोचक तथ्य

VIDEO कोरबा की तस्वीर शर्मनाक : जहां गायों के शव JCB से उठाए जा रहे, वहीं नेताओं के कटआउट पशु ट्रॉली में सजाए जा रहे — जनता पूछ रही, यही है संवेदनशील शासन ?

कोरबा।
कभी ‘औद्योगिक राजधानी’ कहे जाने वाला कोरबा अब प्रशासनिक असंवेदनशीलता का प्रतीक बनता जा रहा है।
एक ओर शहर की शासकीय गौशाला में मृत गायों को JCB मशीन से उठाकर फेंका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इन्हीं पशुओं के लिए बने वाहन में मंत्रियों और नेताओं के कटआउट ढोए जा रहे हैं।
यह दृश्य न केवल प्रशासन की प्राथमिकताओं की पोल खोलता है, बल्कि उस सोच को भी उजागर करता है जिसमें सम्मान सिर्फ कुर्सियों का है, जीवों का नहीं।


सरकारी संसाधनों का बेहूदा दुरुपयोग

नगर निगम के अधीन चल रहे गौशाला विभाग के वाहन का उपयोग नेताओं के कटआउट ले जाने में किया गया।
यह वही वाहन है जो सामान्यतः बीमार या घायल पशुओं के परिवहन के लिए रखा जाता है।

अब उसी ट्रॉली में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बड़े-बड़े पोस्टर लादे गए — और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।

लोगों ने कहा —

“जहां गायों को सम्मान नहीं, वहां शासन किस संवेदना की बात करता है ?”
“गौ सेवा के नाम पर फाइलों में बजट खर्च हो रहा है, लेकिन जमीन पर गायें अब भी उपेक्षित हैं।”


मृत गायों को उठाया गया JCB से

गौशाला से जुड़े स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों कई गायों की मौत के बाद मृत देह को उठाने के लिए JCB मशीन मंगाई गई। खास बात ये है कि जिस ठेकेदार सुशील कुमार शुक्ला को यहां देखरेख का काम दिया वो पहले ही फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र पेश कर चुका है। उस मामले की जांच की जा रही है फर्जी प्रमाणपत्र का पता लगते ही छुरीकला नगर पंचायत ने अनुभव को निरस्त कर दिया था। 

 

नीचे लिंक पर पढ़े ख़बर

Korba Breaking : ठेके के नाम पर धोखा !* एक ही काम के लिए दो अनुभव प्रमाण पत्र बनवाया, *फर्जी प्रमाणपत्र से करोड़ों का ठेका हड़पा – कार्रवाई अब तक ZERO !

यह दृश्य देखकर ग्रामीणों और गौसेवकों ने तीखी नाराजगी जताई।
धार्मिक भावनाओं से जुड़ा यह मुद्दा अब प्रशासनिक लापरवाही की मिसाल बन गया है।
लोगों का कहना है कि पशुओं के साथ यह अमानवीय व्यवहार ‘गौ संरक्षण’ की नीतियों पर सीधा तमाचा है।


सभापति नूतन सिंह ठाकुर का सख्त बयान

नगर निगम सभापति नूतन सिंह ठाकुर ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि

“यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां गायों की देखभाल होनी चाहिए, वहां उन्हें मशीनों से उठाया जा रहा है।
और जो वाहन उनके लिए बने हैं, वो अब नेताओं की शोभा यात्रा में लग रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि निगम के भीतर संसाधनों का गलत इस्तेमाल और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही अब छिपाई नहीं जा सकती।

सभापति ने संबंधित ठेकेदार और अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


मीडिया और नागरिकों का प्रवेश वर्जित — नया विवाद

गौशाला में इन घटनाओं के बाद मीडिया और आम नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
इस कदम ने आग में घी डालने का काम किया है।
सभापति ने इस निर्णय को “अलोकतांत्रिक” बताया और कहा कि जनता को गायों की सेवा से रोकना अस्वीकार्य है।
उन्होंने सवाल उठाया —

“आख़िर क्या छिपाना चाहता है प्रशासन ? अगर सब कुछ ठीक है तो दरवाज़े बंद क्यों हैं ?”


जनता के सवाल, प्रशासन की चुप्पी

सोशल मीडिया पर लोग लगातार लिख रहे हैं —

“कब प्रशासन देगा जवाब ?”
“कब होगा इस अपमान का न्याय ?”
“क्या दोषी अफसरों को बचाने की साज़िश चल रही है ?”

लोगों का कहना है कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि संवेदनशील शासन के दावों पर गहरा प्रश्नचिह्न है।

कोरबा की यह तस्वीर पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है —
जहां गायें मर रही हैं, लेकिन कटआउट जिंदा हैं;
जहां संवेदना की जगह दिखावा है;
और जहां जिम्मेदारी की जगह बचाव की राजनीति चल रही है।

अब सवाल यह है कि क्या नगर निगम प्रशासन इस कलंक को मिटाने की कोशिश करेगा या फिर यह भी किसी “कारण बताओ नोटिस” में समा जाएगा ?

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button