
कोरबा। भाजपा शासित नगर निगम द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का फ्लेक्स खुलेआम पशु-ट्रॉली में ले जाया जाना न केवल संवेदनहीनता का उदाहरण बना है, बल्कि शहर में सियासी आरोप-प्रत्यारोप का कारण भी बन गया है। फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने जमकर नारेबाजी और नाराजगी दिखाई।
घटनास्थल — घंटाघर ओपन थिएटर मैदान — से सामने आई तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि नगर निगम की ट्रॉली में खुलेआम मुख्यमंत्री का फ्लेक्स रखकर लाया जा रहा था, जबकि आज से राज्य उत्सव का आयोजन होना था। नगर निगम आयुक्त ने zwarकारण बताओ नोटिस जारी किया है, पर शहरवासी और स्थानीय नेताओं को यह कदम नाकाफी लग रहा है।
शहरवासी और नेता कर रहे आपत्ति — आरोप : “पहले नियमों की अवहेलना, फिर फोटो वायरल”
शहरवासी और कुछ स्थानीय स्रोतों का कहना है कि यह केवल लापरवाही नहीं — बल्कि **सिस्टम के अंदर पनप रहे तत्वों की जानबूझकर की गई अवहेलना** है। कई लोग सीधे आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा शासन में भी प्रशासन के भीतर ऐसे लोग मौजूद हैं जो कांग्रेस के सिपहसलार की तर्ज पर काम करते हैं — पहले नियमों की अवहेलना करते हैं और बाद में मामले को दबाने की कोशिश करते हैं।
“यह केवल मुख्यमंत्री का अपमान नहीं, यह शहर और प्रशासन दोनों का अपमान है। पहले नियमों की अवहेलना होती है और फिर दिखावटी नोटिस जारी कर मामला ठंडा कर दिया जाता है — अब बस फोटो वायरल हो गई है, पर कार्रवाई कहां?” — शहरवासी।
सुल्तान अब्दुल का तीखा बयान
Gram Yatra के संपादक सुल्तान अब्दुल ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा —
“यह अपमान है। भाजपा शासन में भी ऐसे लोग हैं जो कांग्रेस समय के सिपहसलार की तरह व्यवहार करते हैं — नियमों को ताक पर रखकर, बाद में बहाने बनाकर। सिर्फ नोटिस से काम नहीं चलेगा, कड़ी और सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
सवाल जो अभी अनुत्तरित हैं
- क्या नगर निगम के पास मुख्यमंत्री के फ्लेक्स और कार्यक्रम सामग्री की सुरक्षा व ट्रांसपोर्ट के लिए उपयुक्त साधन नहीं थे ?
- क्या यह सिर्फ तकनीकी गलती है या जानबूझकर की गई अवहेलना जो बाद में दबाई जा रही है ?
- क्या नोटिस के बजाय वास्तविक जवाबदेही तय की जाएगी — और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी ?
यह मामला अब सिर्फ एक प्रशासनिक चूक नहीं रह गया; यह सियासी आरोप-प्रत्यारोप और जनता के विश्वास से जुड़ा विवाद बन चुका है। Gram Yatra और स्थानीय सूचनाएं कार्रवाई की मांग कर रही हैं — और शहरवासी चाहते हैं कि आयुक्त औऱ महापौर इस घृणित प्रकरण पर स्पष्ट कदम उठाएं।

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