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48 साल की सियासत, फिर भी अधूरे सपने — और अब जब काम पूरे हो रहे हैं तो दर्द क्यों ननकीराम को ? रामपुर विधानसभा में डीएमएफ से 186 करोड़ के 640 विकास कार्यों की स्वीकृति — कलेक्टर अजीत वसंत की सक्रियता से क्षेत्र में बदली तस्वीर

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कोरबा, 06 अक्टूबर 2025। कोरबा जिले की राजनीति में एक नाम दशकों से गूंजता रहा है — ननकीराम कंवर। चार दशक से अधिक समय तक सत्ता और संगठन के गलियारों में सक्रिय रहने वाले पूर्व गृहमंत्री इन दिनों फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार किसी विकास कार्य या जनसंपर्क अभियान को लेकर नहीं, बल्कि कलेक्टर अजीत वसंत पर “हिटलर” जैसे शब्दों की टिप्पणी को लेकर।

जानकारों का कहना है कि मामला रजगामार पंचायत में हुए गबन पर की गई कार्रवाई से जुड़ा है। शायद यही वजह है कि पूर्व मंत्री अब खुले मंचों से कलेक्टर के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है — क्या यह नाराज़गी इसलिए है कि पहली बार किसी ने ईमानदारी से जांच शुरू की है ?

रामपुर विधानसभा — जहाँ अब विकास की नई कहानी लिखी जा रही है

जिस इलाके से ननकीराम कंवर ने राजनीति की शुरुआत की थी, जहाँ से वे बार-बार विधायक बने, मंत्री पद तक पहुँचे, उनकी पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष बनी, बेटा जिला पंचायत सदस्य बना —यानी परिवार के हर सदस्य ने सत्ता का स्वाद चखा, वही रामपुर विधानसभा क्षेत्र आज उन अधूरे सपनों को साकार होते देख रहा है, जिनकी चर्चा वर्षों से होती रही थी।

कलेक्टर अजीत वसंत की निगरानी में डीएमएफ (जिला खनिज न्यास संस्थान) से केवल रामपुर विधानसभा में 186 करोड़ 90 लाख रुपए की राशि से 640 से अधिक विकास कार्यों को स्वीकृति दी गई है।
इनमें शामिल हैं —

  • 134 नए आंगनबाड़ी भवन (15.67 करोड़)
  • 60 प्राथमिक स्कूल भवन, 32 माध्यमिक विद्यालय, 11 हायर सेकेंडरी भवन
  • 27 स्वास्थ्य केंद्रों में नवीन भवन, 55 पीडीएस सह गोदाम, 19 पंचायत भवन
  • 80 सीसी रोड निर्माण, 11 उपार्जन केंद्रों में 150 मीट्रिक टन गोदाम
  • शिक्षकों के रेसिडेंशियल हॉस्टल, अधीक्षक आवास, धान चबूतरे, प्रार्थना शेड, छात्रावास भवन

यानी वो सारे कार्य जो ननकीराम कंवर के लंबे राजनीतिक दौर में अधूरे रह गए थे, वे अब जमीन पर उतरते दिख रहे हैं।

दो सड़कें जो दशकों से ‘वादों में अटकी रहीं’ अब हकीकत बन रही हैं

  • चिर्रा–श्यांग मार्ग पर 9 करोड़ 35 लाख की लागत से निर्माण कार्य स्वीकृत — दशकों से इस सड़क का इंतजार हो रहा था। यह सड़क न सिर्फ वनांचल क्षेत्र को जोड़ेगी बल्कि कोरबा के सबसे पिछड़े हिस्सों को मुख्य मार्ग से जोड़ेगी।
  • अमलडीहा–मालिकछार सड़क और सीसी रोड निर्माण पर 7 करोड़ से अधिक की स्वीकृति — यह वो रास्ता है जो बरसों से गड्ढों में तब्दील था, अब मजबूतीकरण और उन्नतिकरण के साथ बनाया जा रहा है।

इन दोनों मार्गों से सैकड़ों गांवों को आवागमन की नई सुविधा मिलेगी — वो ही गांव, जिनकी दशकों से ननकीराम प्रतिनिधित्व करते आए लेकिन सड़कें कभी फाइलों से बाहर नहीं निकलीं।

कलेक्टर अजीत वसंत — सख्त, लेकिन परिणाम देने वाले अफसर

कलेक्टर अजीत वसंत की पहचान एक ऐसे अधिकारी के रूप में बनी है, जो जमीनी स्तर पर जाकर काम करते हैं।
सड़क हो या स्कूल, आंगनबाड़ी भवन हो या उपार्जन केंद्र — उन्होंने फाइलों से निकालकर इन्हें जमीन पर पहुंचाया।

उनकी ईमानदार कार्यशैली और सख्त रवैये ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाई है, बल्कि वनांचल क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों को सीधी सुविधा भी दी है।
यही वजह है कि अब उनके कामों की चर्चा रायपुर से लेकर रामपुर तक हो रही है।

सवाल जनता के बीच है — 48 साल की राजनीति और फिर भी विकास का दर्द अब क्यों ?

रामपुर की जनता अब पूछ रही है —

जब ननकीराम कंवर 48 साल तक सत्ता में रहे, तब इन सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों की याद क्यों नहीं आई ?
क्या रजगामार की गबन जांच से असहज होकर अब प्रशासनिक अफसरों को निशाना बनाया जा रहा है ?
या फिर यह नाराज़गी इसलिए है कि अब काम उनके बिना पूरे हो रहे हैं ?

जनता कह रही है — “अगर सख्ती हिटलरशाही है, तो कोरबा को ऐसे ही कुछ हिटलर अफसरों की जरूरत है जो सच में विकास करा सकें।

 
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