छत्तीसगढ़

आंगनबाड़ी केन्द्रों में विकसित की गई पोषण वाटिका

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राजनांदगांव  (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका का निर्माण किया गया है। जिससे बच्चों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पौष्टिक साग-सब्जी एवं फल मिल रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम भोथीपार खुर्द के आंगनबाड़ी केन्द्र में खुबसूरत पोषण वाटिका किचन गार्डन की तर्ज पर विकसित की गई है।

जहां खट्टा भाजी, भिण्डी, केला, भाटा, कांदा भाजी, जरी, अरबी, चेच भाजी, लेमन ग्रास, अमरूद, शहतूत, सीताफल, नारियल लगाए गए हैं। वहीं फलदार पौधों के साथ जिनिया, हरसिंगार, गुड़हल, गुलाब, मोंगरा जैसे मोहक फूल भी लगाए गए हैं।

 

ग्राम भोथीपार खुर्द के किचन गार्डन में अधिक से अधिक हरी पत्तेदार और आयरन से भरपूर सब्जी उत्पादन किया जा रहा है। ग्रामवासियों को बच्चों को हरी साग-सब्जी एवं पौष्टिक आहार के लाभ के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। आंगनबाड़ी में उत्पादित साग- सब्जियों का उपयोग बच्चों का भोजन बनाने के लिए किया जा रहा है।

 

विटामिन प्रोटीन, आयरन, खनिज एवं पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियां सेहत के लिए फायदेमंद है। आंगनबाड़ी केन्द्र सिंघोला की पोषण वाटिका में पपीता, केला, कटहल, अमरूद, भाजी में मुनगा, कांदा भाजी लगाया गया था। बच्चों को दाल, चावल के साथ केले की सब्जी परोसी गई थी। नाश्ते में पोहा एवं रेडी टू ईट दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रेवती साहू ने बताया कि बच्चे प्रतिदिन आते हैं और सक्रिय रहते है।

 
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