कोरबा | ग्राम यात्रा स्पेशल इन्वेस्टिगेशन।
कहते हैं सरकारें बदलने से सिस्टम सुधरते हैं, लेकिन कोरबा की कुसमुंडा खदान में हालात कुछ और ही बयान कर रहे हैं। यहां अब चोरी बोरी में नहीं, ट्रकों में होती है। अब कोयला झुपे में नहीं, खुलेआम खदान के अंदर से चोरी होता है। और सबसे बड़ा सच — ये खेल कोई गलियों का नहीं, बिलासपुर के बैठकों में तय होता है।
ग्राम यात्रा की एक्सक्लूसिव जांच में सामने आया है कि खाटू श्याम ट्रांसपोर्ट कंपनी की चार गाड़ियों से 84.67 टन चोरी का कोयला भरकर SECL के गेट से पार कर दिया गया। और ये कोई इत्तेफाक नहीं था – ये है छत्तीसगढ़ की सबसे संगठित कोयला लूट की चालू स्कीम, जिसमें चपरासी से लेकर अफसर तक सबकी जेब गरम हो रही है।
काली गाड़ियों का कच्चा चिट्ठा : कोयला चोरी ऐसे नहीं, पूरे सिस्टम की चुप्पी से होती है
| वाहन क्रमांक | वैध D.O. | चोरी का कोयला | ट्रक में कुल अनुमानित लोड |
|---|---|---|---|
| CG10BT3453 | 26.44 टन | 22.33 टन | ~48.77 टन |
| CG10BT3353 | 25.62 टन | 25.07 टन | ~50.69 टन |
| CG10BT2153 | 27.17 टन | 18.39 टन | ~45.56 टन |
| CG10BT2553 | 28.89 टन | 18.88 टन | ~47.77 टन |
चार गाड़ियों में सिर्फ वैध कोयला नहीं, SECL की साख भी लदी थी – और दोनों पकड़े गए।
ग्राम यात्रा की पक्की सूचना पर कार्रवाई – पांच दिन पहले भी भेजा था अलर्ट, तब अफसर ‘घोड़ा बेचकर सो रहे थे’
ये वही गाड़ियां हैं, जिनकी पुख्ता जानकारी ग्राम यात्रा ने पांच दिन पहले ही संबंधित अधिकारियों को दी थी। लेकिन नीयत ढीली थी या जेब गरम – कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा – चोरी के ट्रक बाहर निकल गए और अफसर गिनते रह गए “कितना गया?”
अब एक बार फिर ग्राम यात्रा की सूचना पर कार्रवाई हुई है और इस बार सबूत इतने ठोस हैं कि चोरी करने वालों की भी हवा टाइट हो गई है।
150 से ज़्यादा गाड़ियां कर चुकीं चोरी का कोयला लेकर – हर ट्रक के साथ सिस्टम का चरित्र उजागर
ये चोरी सिर्फ ट्रकों की नहीं है, ये पूरे सिस्टम की नैतिकता की लाश है।
अब तक 150 से अधिक गाड़ियां ऐसे ही चोरी का कोयला बाहर निकाल चुकी हैं।
बिलासपुर में बैठा एक ट्रांसपोर्ट माफिया पूरे कोरबा की खदान को चूस रहा है।
ट्रक 35 टन की पासिंग वाला होता है। पहले 20 टन वैध लोड होता है, फिर उसके ऊपर 15 टन चोरी का कोयला डाल दिया जाता है। ट्रक दिखता है फुल लोड, गार्ड पूछता नहीं। गाड़ी निकल जाती है।
SECL की तीन लेयर सुरक्षा भी आंखें मूंदे रहती है, क्योंकि आंख खोलने के लिए ईमान चाहिए – जो अब शायद खदान के नीचे दबा पड़ा है।
SECL अफसरों की भूमिका पर भी शक – क्या वर्दी पहने लोग इस खेल के रक्षक हैं या भागीदार ?
अब जब मामला खुला है तो SECL सिक्योरिटी ने FIR दर्ज कर ली है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या ये FIR भी दिखावे भर की है?
इस सिंडिकेट में शामिल लोग मामूली ड्राइवर नहीं – बिलासपुर का ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, खदान के भीतर के संपर्क सूत्र, और SECL के अंदर बैठे खामोश भागीदार सब मिलकर एक ऐसा कारोबार चला रहे हैं जो देश की संपत्ति को माफियाओं की जागीर बना चुका है।
अब जवाब दो SECL – ये खदान है या सरकारी लूट की मंडी ?
- क्या कोई अफसर यह बताएगा कि 84 टन चोरी का कोयला तीन लेयर सुरक्षा पार कैसे कर गया?
- क्या रॉयल्टी पर्ची सिर्फ दिखाने के लिए है?
- क्या जनता की संपत्ति को लुटाना अब सामान्य बात हो गई है?
कुसमुंडा पुलिस ने दर्ज की FIR
कुसमुंडा थाना पुलिस ने एसईसीएल के सुरक्षा अधिकारी संजय दुबे की रिपोर्ट पर FIR नंबर 0224 कर तहत चोरी {BNS की धारा 303 (2)} के तहत अपराध दर्ज किया है। फिलहाल 3 नामजद ड्राइवरों को आरोपी बनाया गया है जबकि एक ड्राइवर गाड़ी छोड़ फरार हो गया है। अब इन ड्राइवरों से कड़ी पूछताछ में इनके आका का खुलासा होगा कि कैसे और किसके कहने पर इस गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा था।
📍 ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ अब इस रैकेट की परत-दर-परत खोलने की तैयारी में है। हम रुकेंगे नहीं – अगली लिस्ट तैयार है। अगला खुलासा जल्द।
✍🏻 रिपोर्ट: ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ नेटवर्क
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