छत्तीसगढ़

सावरकर पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी से हंगामा, विपक्ष का वॉकवाउट

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रायपुर | महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर विधानसभा का विशेष सत्र विपक्ष के हंगामे के बीच समाप्त हो गया। मुख्यमंत्री ने वीर सावरकर को लेकर कहा, इतिहास बताता है कि नाथूराम गोडसे सावरकर का शिष्य था और वह लगातार गांधीजी की हत्या के षडयंत्र में शामिल थे। इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, आपकी धमकी से मैं डरने वाला नहीं हूं और अपने शब्द वापस नहीं लूंगा। इस पर भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर बाहर वीर सावरकर के समर्थन में नारे लगाते हुए गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया।
सदन में मुख्यमंत्री ने कहा, एक तरफ अहिंसा की विचारधारा है, दूसरी तरफ अराजक और उत्तेजित राष्ट्रवाद है। यह राष्ट्रवाद भयानक व हिंसक है, इस राष्ट्रवाद में जीवन का कोई सम्मान नहीं है। खुद की बात नहीं सुनने पर दूसरों को मार डालने पर अमादा है। ये राष्ट्रवाद बाहर से आया हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए गांधी जी वीर हैं, आपके लिए सावरकर वीर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने पढ़ा है कि सावरकर के बुलावे पर गांधी लंदन में उनके पास गए थे। उस वक़्त दोनों ने रामायण का उदाहरण लिया। गांधी ने कहा कि रावण जैसे शक्तिशाली से सत्य ही जीतता है। दूसरी तरफ सावरकर ने कहा, दुष्टता का नाश उसी तरह से होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, इतिहास गवाह है कि सावरकर छिपकर मारने से पीछे नहीं हटते थे। मुख्य मंत्री भूपेश बघेल की इस टिप्पणी पर पर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सावरकर को बाइज्जत बरी किया गया था। अजय चंद्राकर ने भूपेश बघेल के शब्दों को विलोपित करने की मांग की। जवाब में भूपेश बघेल ने कहा, मैं अपने शब्द वापस नहीं लूंगा। सदन में भारी हंगामे के बीच बीजेपी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
सावरकर ने 13 बार अंग्रेजों से माफी मांगी
भूपेश बघेल ने कहा कि सच सुनने का साहस होना चाहिए। सावरकर ने 13 बार अंग्रेजों से माफी मांगी थी। लौटने के बाद सावरकर कभी किसी आंदोलन का हिस्सा नहीं बने। गांधी ने अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई लड़ी, शिक्षा को लेकर लड़ाई लड़ी। समाज की कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। अंग्रेज उन्हें बार-बार जेल में डालते रहे, लेकिन क्या वजह है कि गोडसे ने उनकी हत्या की? उस वक़्त जब हत्या हुई, तो रेडियो में कहा जा रहा था एक पागल व्यक्ति ने हत्या कर दी। वह पागल नहीं था। एक विचारधारा से जुड़ा था। आज विचारधारा की लड़ाई चल रही है।
9 माह का हिसाब दूं या 15 साल की समीक्षा करूं
उन्होंने कहा, सदन में अपने भाषण में शिवरतन शर्मा ने कहा था कि गांधी आरएसएस की शाखाओं में जाते थे। दरअसल गांधी अपने विरोधियों के पास भी जाते थे। बृजमोहन अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष ने अपने भाषण में कहा कि सरकार गांधी के बताए रास्ते पर नहीं चल रही। अब मैं 9 महीने का हिसाब दूं या फिर 15 सालों की समीक्षा करूं। हम सब यहां हैं, तो गांधी की विचारधारा की वजह से ही। आजीविका का अधिकार, शिक्षा का अधिकार कांग्रेस की सरकार से संभव हो पाया है।
कांग्रेस विधायक ने किया बहिर्गमन
कांग्रेस विधायक अमितेष शुक्ला ने नाराज होकर सदन से बहिर्गमन कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरे परिवार ने स्वतंत्रता के आंदोलन में हिस्सा लिया था। हमने गांधी को बचपन से देखा है। मुझे दुख हुआ कि सदन में जब उन पर चर्चा की जा रही है, तो मुझे बोलने का अवसर नहीं दिया गया। इस पर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हम गांधी पर चर्चा कर रहे हैं, ऐसे में कोई सदस्य नाराज होकर सदन छोड़कर जाए ये उचित नहीं है।

 
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