छत्तीसगढ़

आंगनबाड़ी भर्ती: कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं दी नियुक्ति, पीड़िता ने परियोजना अधिकारी पर लगाए आरोप

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बिलाईगढ़ (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। भटगांव परियोजना में महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। हाईकोर्ट और जिला न्यायालय के आदेशों के बावजूद पात्र महिला को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। पीड़िता ने अधिकारियों पर मिलीभगत और आदेश की अवहेलना के गंभीर आरोप लगाए हैं।

सोनिया टंडन ने बताया कि 10 अगस्त 2022 को महिला एवं बाल विकास विभाग भटगांव द्वारा घोघरा ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पदों के लिए आवेदन मंगाए गए थे। उन्होंने पूरी पात्रता और दस्तावेजों के साथ आवेदन किया था। पात्र घोषित होने के बावजूद, विभागीय अधिकारियों ने एक अपात्र महिला की नियुक्ति कर दी।

सोनिया ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए नियुक्ति का आदेश जारी किया। इसके अनुपालन में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की जिला अदालत ने भी आदेश को मान्यता दी और नियुक्ति के निर्देश दिए।

लेकिन परियोजना अधिकारी ने आदेशों की अनदेखी करते हुए सोनिया टंडन को नियुक्ति नहीं दी। सोनिया का आरोप है कि अधिकारी जानबूझकर उन्हें बुलाकर खुद ऑफिस से नदारद रहे, और फोन पर कभी मीटिंग तो कभी अन्य कारण बताकर टालते रहे।

सोनिया टंडन (शिकायतकर्ता) ने कहा “मेरे पास कोर्ट का साफ आदेश है, फिर भी मुझे नियुक्त नहीं किया जा रहा। अधिकारी मुझे बुलाकर खुद गायब हो जाते हैं, और अब अपात्र महिला को स्टे ऑर्डर लाने का मौका दिया जा रहा है ताकि मेरी नियुक्ति और टल जाए।”

मामले में मीडिया से बात करते हुए विभागीय अधिकारी ने कहा कि वे दूसरे पक्ष की बर्खास्तगी के आदेश के बाद ही सोनिया को नियुक्ति देंगे।

अब बड़ा सवाल यह है कि कोर्ट के दो-दो आदेशों के बावजूद क्या सोनिया टंडन को उनका हक मिलेगा या फिर मामला यूं ही लटकता रहेगा।

 

 
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