छत्तीसगढ़
Trending

स्वास्थ्य मंत्री जी देखिए !आपके चहेते डीन की करतूत उजागर — मेडिकल कॉलेज में करोड़ों का सफाई टेंडर घोटाला, सुशासन पर कर रहा है करारा प्रहार

Spread the love
Listen to this article

कोरबा। छत्तीसगढ़ के सबसे विवादित डीन डॉ. कमल किशोर सहारे एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। आरोप है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कोरबा में करोड़ों रुपये के सफाई टेंडर को मनमाने ढंग से अपात्र सिक्योरिटी एजेंसी को सौंपकर भारी गड़बड़ी की गई है। शिकायतकर्ता का दावा है कि डीन ने सरकारी कागजों में ही गलत तथ्य लिखकर फर्मों को अनुचित लाभ पहुँचाया।

यह मामला सीधे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन दावे पर सवाल खड़े करता है — क्योंकि यह खेल उन्हीं की नाक के नीचे हुआ है।


क्या है मामला ?

जनवरी 2025 में जारी टेंडर (GEM/2025/B/5840047) में कॉलेज व अस्पताल के लिए 188 अनस्किल्ड सफाईकर्मी और 12 सुपरवाइजर रखने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस टेंडर में 202 कंपनियों ने भाग लिया, पर तकनीकी मूल्यांकन के बाद सिर्फ 4 फर्मों को पात्र घोषित कर बाकी 198 को बाहर कर दिया गया।

पात्र घोषित 4 फर्में थीं :

  • Perfect Security Services
  • M/S Commando Industrial Security Force
  • Target Security Service
  • All Services Global Pvt. Ltd.

शिकायतकर्ता और कोरबा के सबसे बड़े सफाई ठेकेदार बरुन गोस्वामी का आरोप है कि जिन फर्मों को बाहर किया गया, उनके पास सभी योग्यताएँ थीं। जबकि पात्र बताई गई फर्में बुनियादी मानदंडों पर खरी ही नहीं उतरतीं।


कहाँ-कहाँ है गड़बड़ी ?

  • एक ही जगह पर बोली : आरोप है कि सभी पात्र फर्मों ने 5 मार्च को एक ही स्थान और समय पर बोली भरी, जिससे मिलीभगत और संगठित धांधली का शक गहराता है।
  • शर्तों में छेड़छाड़ : मूल दस्तावेज़ में सफाई कार्य हेतु 5 साल का अनुभव अनिवार्य था, लेकिन डीन ने अपने पत्र (क्र. GMC कोरबा/क्रय शाखा/2025/3106, दिनांक 08/08/2025) में इसे 2 साल मान लिया। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में 2 साल का अनुभव मांगा गया था लेकिन डीन झूठ बोलते लिखते है उस शर्त को हटा दिए थे।
  • टर्नओवर का खेल : शर्तों में हर साल 75 लाख का सफाई कार्य टर्नओवर अनिवार्य था, पर डीन ने इसे कुल 75 लाख मानकर योग्य ठहराया।
  • EMD की गफलत : डीन ने दावा किया कि सभी पात्र फर्मों ने EMD जमा किया, जबकि जेम पोर्टल पर 2 फर्मों को छूट दिखाई देती है।
  • एक्सटेंशन का घोटाला : शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि डेढ़ साल से कामथेन सिक्योरिटी सर्विस को मनमाने ढंग से एक्सटेंशन दिया जा रहा था। 64 सफाईकर्मी की अनुमति थी, पर गुपचुप बढ़ाकर 94 कर दिए गए और अब नए टेंडर में सीधा 188 मांग लिए गए। ढाई साल से यह कंपनी हर महीने लगभग 10 लाख की बिलिंग करती है लेकिन कागज पर कमाई सिर्फ दर्शाती है 6 हजार महीना क्या है संभव है ? आरोप है कि कम श्रमिको से काम कराकर पूरा वेतन चोरी हो रहा है।

दस्तावेज़ों में जबरस्त विरोधाभास

डीन के पत्र और मूल टेंडर शर्तों में जबरदस्त विसंगतियाँ हैं। कंडिका-14, 2(A), 2(B) जैसी अनिवार्य योग्यताओं को या तो नजरअंदाज किया गया या मनमर्जी से बदला गया। यही सबसे बड़ा संदेह है कि पात्रता मानदंड बदलकर मनचाही फर्मों को फायदा पहुँचाया गया।


गंभीर सवाल

  • 198 कंपनियों को अपात्र क्यों ठहराया गया?
  • ATC और EMD से जुड़ी मूल प्रतियाँ सार्वजनिक क्यों नहीं की गईं?
  • सफाईकर्मियों की संख्या अचानक दोगुनी क्यों कर दी गई?
  • पिछले 2.5 साल से चल रहे कम लाभ वाले ठेके में गलत बिलिंग से किसे फायदा मिल रहा था?

पुराने विवाद भी खुले

यह पहला मौका नहीं है। डॉ. सहारे के खिलाफ पहले भी शिकायतें होती रही हैं। बिलासपुर सिम्स में भी उन पर गंभीर आरोप लगे थे। यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने एक बार उन्हें निलंबित किया था, लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते उन्हें बहाल कर दिया गया और अब महत्वाकांक्षी जिले कोरबा की कमान सौंप दी गई।


जांच जरूरी — वरना न्यायालय का रुख

शिकायत 28 जुलाई 2025 को दर्ज हो चुकी है। डीन ने 08 अगस्त को लिखित जवाब दिया है। अब दोनों पक्ष आमने-सामने हैं। ठेकेदार समाज और सूत्रों का कहना है कि यदि पारदर्शी जांच हुई तो सीधे सरकारी धन के दुरुपयोग और पद के दुरुपयोग का मामला सामने आएगा।

बरुन गोस्वामी ने मांग की है कि —

  • ATC, मूल्यांकन रिपोर्ट, EMD रसीदें और तकनीकी योग्यता की प्रतियाँ सार्वजनिक की जाएँ।
  • वर्क ऑर्डर रोककर स्वतंत्र जांच कराई जाए।

यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह न्यायालय जाने को भी तैयार हैं।


क्यों हो रहा विवाद

यह सिर्फ टेंडर घोटाला नहीं, बल्कि सुशासन पर बड़ा सवाल है। जिस कॉलेज में रोज़ हज़ारों मरीज आते हैं, वहाँ सफाई व्यवस्था तक घोटाले की भेंट चढ़ जाए तो जनता को भरोसा किस पर रहेगा? अब गेंद सरकार के पाले में है — या तो स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री तुरंत जांच कर कार्रवाई करें, या फिर इस विवाद की हवा और भी गंदी होती जाएगी।

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button