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मेडिकल कॉलेज में महिला और नवजातों की मौत: एमएस गोपाल कंवर की लापरवाही का होगा खुलासा, कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट, जांच शुरू

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कोरबा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उसके जुड़वा बच्चों की मौत का मामला प्रशासनिक और चिकित्सा लापरवाही का घिनौना उदाहरण बन गया है। ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ के खुलासे के बाद कलेक्टर अजीत वसंत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और मेडिकल कॉलेज व स्वास्थ्य विभाग से अलग-अलग रिपोर्ट तलब की है।

कलेक्टर का सख्त रुख: लापरवाही बर्दाश्त नहीं

कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि इस घटना में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही साबित होती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

महिला जीवित पहुंची, फिर भी नहीं बची जान

महिला को 108 एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था। ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ की पड़ताल में सामने आया है कि महिला न केवल जीवित पहुंची थी, बल्कि इमरजेंसी वार्ड में खुद चलकर गई। वहां उसे अटेंड किया गया, जांच के लिए भेजा गया, लेकिन 20 मिनट की देरी के कारण उसकी हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। ऐसे में एमएस और उनके स्टॉफ के दावों की सूक्ष्मता से जांच की जाएगी क्योंकि लापरवाही हुई है तो जिम्मेदार जरूर कोई न कोई होगा ही। हालांकि नैतिक जिम्मेदारी अस्पताल अधीक्षक डॉ गोपाल कंवर की होती है।

एमएस गोपाल कंवर का झूठा बयान: बचने की कोशिश?

मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. गोपाल कंवर ने दावा किया कि महिला को “मृत अवस्था” में लाया गया था। यह बयान सवालों के घेरे में है, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों और स्वास्थ्य विभाग के बयान इसे झूठा साबित करते हैं। कलेक्टर ने भी इस विरोधाभास पर जांच रिपोर्ट मांगी है।

एमएस गोपाल कंवर की लापरवाही के कारण:

  • स्टाफ और डॉक्टरों पर नियंत्रण की कमी: अस्पताल में डॉक्टर समय पर नहीं आते। नर्सिंग स्टाफ लापरवाही करता है, और एमएस इसे अनदेखा करते हैं।
  • मरीजों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव: गंभीर मरीजों को समय पर स्ट्रेचर, ऑक्सीजन और अन्य जरूरी चिकित्सा नहीं मिलती।
  • झूठे बयान और गैर-जिम्मेदाराना रवैया: एमएस अपने स्टाफ को बचाने के लिए झूठे बयान देकर सच्चाई पर पर्दा डाल रहे हैं।

कलेक्टर और स्वास्थ्य निदेशक की पहल

कलेक्टर अजीत वसंत ने मामले की गहराई से जांच के लिए दोनों विभागों से अलग-अलग रिपोर्ट तलब की है। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के निदेशक ने भी सीएमएचओ से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

क्या गोपाल कंवर बच पाएंगे?

कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया है कि एमएस गोपाल कंवर और उनके स्टाफ पर लगे लापरवाही के आरोपों की जांच होगी। यदि इन आरोपों में सच्चाई पाई गई, तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ इस मामले पर नजर बनाए हुए है और ऐसे गैरजिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए इसे प्रमुखता से उठाता रहेगा।

 
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