छत्तीसगढ़

सांसद मैडम की चुनावी होली, लोकसभा जीतते ही आधे दशक तक देती रही जनता को गोली और पांचवें साल फाग झमाझम करतीं फिर शहर की हो ली…पर भईया ये पब्लिक है सब जानती है…

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कोरबा। आइए इस बार की होली पर हम आपको सांसद निवास ले चलते हैं। अरे..अब आप पूछेंगे कि इसमें क्या नई बात है? तो भईया खास बात ये कि कि जिस तरह से 29 फरवरी का लीप ईयर चार साल बाद आता है, वैसे ही सांसद मैडम के बंगले की होली भी शहर में पांच साल में एक ही बार मनती है। दरअसल सांसद मैडम पिछला चुनाव जीतने के बाद अगले पांच साल तक अपने क्षेत्र और अपनी जनता को ठीक उसी तरह भूल जाती हैं, जैसे सुपरहिट फिल्म गजनी में आमिर खान की मेमोरी से पांच मिनट में पिछला सारा रिकार्ड डिलीट हो जाया करता था। फर्क ये है कि फिल्म में अगली सुबह नींद खुलते ही पांच मिनट में उसे सब याद आ जाता था पर सांसद मैडम को पूरे पांच साल लगते हैं।
बस यही वजह है जो सांसद मैडम की होली की पार्टी दुर्लभ और बड़ी खास है, जो पांच साल में एक बार रिपीट होती है और वह भी चुनावी साल में अचानक ही प्रकट हो जाती है।

इस बार की सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत की चुनावी होली तब रिपीट हुई, जब पिछली बार 2019 की लोकसभा जीतते पांच साल बीते। क्योंकि उसके बाद तो आधे दशक तक वे जनता को गोली देती रहीं और पांचवें साल फाग झमाझम करतीं खुद को एक बार फिर शहर की बताते हुए लौटी तो डॉ चरण दास महंत के साथ और वह भी तब, जब लोकसभा चुनाव सिर पर है। सांसद बनने के बाद पहली बार होली का जश्न कोरबा लोकसभा में मनाया गया। सांसद मैडम वैसे तो काफी स्मार्ट हैं, पर भईया आज कल स्मार्टफोन से लैस लोग भी काफी स्मार्ट हैं जो गोली बार बार खाने में विश्वास नहीं करते…ये पब्लिक है सब जानती है…


60 महीने की सांसदी पर कोरबा लोकसभा में गिनाने नहीं है एक भी काम

पांच साल लोकसभा से नदारद रही सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत के पास गिनाने को पूरे कोरबा लोकसभा क्षेत्र में ऐसा एक भी काम नहीं, जिसे वे जनता के समक्ष उपलब्धि करार दे सकें। कोरबा की आम जनता अपने चुनी हुई सांसद को देखने को तरसते रहे। आम जनता तो छोड़ दीजिए, साहब और उनकी मैडम को उनके अपने कार्यकर्ता भी ढूंढते रह जाते थे। सांसद मैडम या महंत साहब से कुछ एक नेता रूपी कार्यकर्ता ही रहे इनके टच में रहे।


उन्हें भूल चुके कार्यकर्ता व जनता को साधने आई होली मिलन की याद

चुनाव सर पर देख फिर जनता और कार्यकर्ताओं की याद आ गई और होली के बहाने उन्हें साधने की जुगत की जा रही है। चुनाव का मौसम आया तो उन्हे कोरबा की याद आई। कोरबा लोकसभा की जनता अब हर मौके पर मैडम महंत और उनके साहब महंत जी हर मौकों पर पहुंचने लगे हैं। इनके द्वारा अब माइका बनाम ससुराल मतलब बाहरी प्रत्याशी। खुद कोरबा से दूर रहकर अब वे भाजपा की बाहरी प्रत्याशी उतारने की बात कर रहे हैं। और जनता जनार्दन को सांसद मैडम और उनकी पूरी टीम खुद को कोरबा लोकसभा निवासी बताने का पुरजोर कोशिश कर रही है। जनता है ये सब जानती है।

 
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