21.12.22| आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल अनुसुईया उइके के अब तक हस्ताक्षर नहीं किए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नाराजगी जताई है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने राजभवन को राजनीति का अड्डा बना रखा है. बीजेपी आरक्षण विरोधी है. हमने हर वर्ग को आरक्षण दिया. लेकिन 2 दिसम्बर से आज 20 दिसम्बर हो गया, अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुए. बीजेपी आरक्षण पर सिर्फ राजनीति करना चाहती है
राज्यपाल अनुसुईया उइके के विधानसभा से पारित आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने से प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भाजपा पर राजभवन को राजनीति का अड्डा बनाए जाने के आरोप लगाए जाने से पहले आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने राज्यपाल को लेकर बयान देते हुए इस मुद्दे पर बड़ा आंदोलन किए जाने की चेतावनी भी दी.
मंत्री कवासी ने कहा कि छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है कि राज्यपाल अपने पद का दुरूपयोग कर रही है. विधेयक लाने के पहले राज्यपाल के पेट में दर्द हो रहा था कि आरक्षण के लिए कुछ करना है. राज्यपाल किसी पार्टी के नहीं होते, लेकिन राज्यपाल भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रही हैं. आरएसएस के जरिए राज्यपाल को गुमराह किया जा रहा है.

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