छत्तीसगढ़

मोटरसाइकिल पर सवार पिता-पुत्र को टैंकर ने मारी टक्कर, बेटे की मौत

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रायपुर,। टाटीबंध चौक पर शनिवार को एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ, जिसमें बाइक सवार पिता-पुत्र को टैंकर ने टक्कर मार दी। दर्दनाक हादसे में पुत्र वाजिद शाह (18) की मौके पर ही मौत हो गई। सड़क हादसे में पिता गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। टैंकर चालक को लोगों ने मौके पर ही पकड़ लिया। स्थानीय लोगों की सूचना पर आमानाका पुलिस ने मौके पर पहुंच कर टैंकर ड्राइवर इस्लाम खान को गिरफ्तार कर लिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आमानाका पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शीतलापारा भिलाई निवासी वाजिद शाह (18) पिता बुलंद शाह रायपुर से भिलाई के लिए जा रहे थे। टाटीबंध चौक क्रॉस कर रहे बाइक सवार को दुर्ग की ओर से आ रहे टैंकर ने सामने से टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जोर की थी कि बाइक में सवार पिता-पुत्र गिर गए। पुत्र वाजिद के सिर में चोट आने की वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वहीं पिता को पैर में चोट आई है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है।
विधायक ने की एफआइआर की मांग
टाटीबंध में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के बाद क्षेत्रीय विधायक विकास उपाध्याय समेत स्थानीय रहवासियों ने आमानाका थाने पहुंच कर एनएचएआइ अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की मांग की। सोमवार तक एफआइआर नहीं हुई तो एनएचएआइ ऑफिस पर ताला लगाने और चक्काजाम करने की चेतावनी दी है। विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि एनएचएआइ की लेटलतीफी से आए दिए हादसे हो रहे हैं। हाल ही में विधायक उपाध्याय ने टाटीबंध में ब्रिज की लेटलतीफी को लेकर आंदोलन भी किया था।
साइड स्टोरी….
टाटीबंध का हुआ सर्वे, बदलेगा स्वरूप, घटेंगे मौत के आंकड़े
ट्रैफिक के हिसाब से तय किए गए ब्लैक स्पॉट टाटीबंध में हो रहे सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस विभाग ने एनएचएआइ को पत्र लिखकर टाटीबंध चौक की तस्वीर बदलने का प्रस्ताव दिया था, जिस पर हाल ही में एनएचएआइ के इंजीनियर्स ने सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के आधार पर अब आगे का काम होगा।
एक साल में 30 से ज्यादा हादसे
टाटीबंध चौक पर एक साल के भीतर ट्रैफिक विभाग और पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों के अनुसार लगभग तीस 30 से ज्यादा हादसे हुए हैं। हादसों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां से गुजरना कितना खतरे भरा है।
हादसों की मुख्य वजहें
भूलभुलैया- भिलाई की ओर से रायपुर आते समय जैसे ही चौक से आगे बढ़ते हैं तो कई बार पता नहीं चलता कि रिंग रोड-2 की तरफ मुड़ाव है या फिर सीधे जीई रोड की ओर। घुमाव वाली जगह में अगर पीछे भारी वाहन है तो टर्न लेते वक्त सामने की गाड़ी से नियंत्रण छूटते ही हादसा हो जाता है। इस दौरान बचना काफी मुश्किल होता है।
यात्रियों का स्टॉपेज चौक के बाजू में
भिलाई व बिलासपुर की तरफ जाने वाले यात्रियों का स्टॉपेज चौक के ठीक बाजू में है, जबकि यही रास्ता भारी वाहनों के भिलाई निकलने के लिए मुख्य मार्ग तय है।
चौक पर लाखों गाड़ियों का दबाव
बिलासपुर नेशनल हाइवे होने की वजह से नागपुर, जगदलपुर, ओडिशा, झारखंड की ज्यादातर गाड़ियां मार्ग से गुजरती हैं, जबकि प्रदेश में दुर्ग-भिलाई, रायपुर, महासमुंद, बिलासपुर जैसे बड़े शहरों के लिए भी वाहनों की कनेक्टिीविटी इसी चौक से आगे बढ़ती है। रोजाना लाखों वाहनों का दबाव इस चौक पर रहता है।

 
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