छत्तीसगढ़

नरवा, गरूवा, घुरूवा अउ बाड़ी ग्रामीण विकास के मूलमंत्र है: मंडल सुराजी गांव योजना के क्रियान्वयन हेतु कार्यशाला

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बिलासपुर । अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास आर.पी.मण्डल की अध्यक्षता में आज सुराजी गांव योजना के क्रियान्वयन हेतु संभागस्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। मंथन सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला में मण्डल ने कहा कि नरवा, गरूवा,घुरूवा और बाड़ी ग्रामीण विकास के मूलमंत्र है। यह मुख्यमंत्री जी का ड्रीमप्रोजेक्ट है। जिसको पूरा करने के लिये मेहनत से कार्य करना है। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में गरूवा और घुरूवा पर फोकस किया जायेगा। हर गांव में तीन एकड़ भूमि का चयन कर गोठान बनाये जायेंगे तथा गोठान में पशुओं को रखने के लिये उचित व्यवस्था की जायेगी। प्रत्येक गांव में गोठान भूमि का चिन्हांकित करने का निर्देश दिया। भूमि का आरक्षण कर फ़ेन्सिंग एवं सीपीटी के कार्य कराये जायें।जिससे गोठान निर्माण का कार्य माह अप्रैल, मई तक पूरा किया जा सके। उन्होंने निर्देशित किया कि गोठान ऐसी पारम्परिक जगह पर जहां गांव के मवेशी एकत्रित होते हैं, वहां बनाया जाये। गोठान के लिये भूमि का चिन्हांकन सावधानी से किया जाये। भूमि चयन के लिये गांव के चरवाहे एवं ग्रामीणों से चर्चा की जाये। गोठान में पशुओं के बैठने के लिये पक्के प्लेटफार्म, बछड़ों व बीमार पशुओं और चारा के लिये शेड, पीने के पानी हेतु टंकी एवं अन्य उपयुक्त संरचनाएं बनाई जायेंगी। पानी के लिये नलकूप खनन कराकर सोलर पम्प लगाये जायेंगे।उन्होंने निर्देशित किया कि गांवों के शत-प्रतिशत मवेशी गोठान में रहें, यह सुनिश्चित किया जाये। यह मवेशियों के लिये डे-केयर सेंटर के रूप में उपयोग किया जायेगा। गोठान निर्माण के लिये मनरेगा एवं अन्य मदों का उपयोग किया जायेगा।

 
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