June 21, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
मार्च 2026 तक नक्सलवाद का जड़ से होगा खत्म : मुख्यमंत्री श्री सायजीवन दीप समिति व जन आरोग्य समिति की बैठक सम्पन्नकोरिया जिले की दो प्रतिभाओं को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानितप्रधानमंत्री आवास योजना के प्रत्येक हितग्राही लगा रहे हैं एक पौधा मां के नाम‘क्या दिल्ली से आएगा मशीन चालू करने ?’ – ग्राम यात्रा की खबर पर कलेक्टर का गुस्सा फूटा, अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की चेतावनीऑक्सीजन प्लांट-2 में आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का सफल आयोजनअन्तर्राष्ट्रीय योग दिवसः उद्योग मंत्री कोरबा के योग कार्यक्रम में होंगे शामिलएसईसीएल को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला प्लैटिनम अवार्डधरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान से सुदूर वनांचल तक पहुंची योजनाओं की रोशनीप्रधानमंत्री मोदी ओडिशा को आज देंगे 2750 करोड़ से अधिक की रेलवे परियोजनाओं की सौगात
छत्तीसगढ़राजनीती

नोटबंदी के दुष्परिणाम आज 735 दिन बाद भी देश भुगत रहा – सुरजेवाला

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि नोटबंदी को लागू हुए 735 दिन हो गए, जिसके दुष्परिणाम आज भी देश की जनता भुगत रही है। बैंकों तक काला धन तो आया नहीं, कितनों का व्यापार चौपट हो गया और कितनों की ही नौकरियां चली गईं।
आज राजीव भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि नोटबंदी की दूसरी बरसी पर आखिरकार कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में अपनी सभा में चुप्पी तोड़ ही दी। नोटबंदी आजाद भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक रहा है। नोटबंदी के कारण देश में 120 बेकसूर लोगों की जानें गईं। लाखों लोगों की नौकरियां गईं। कितने ही उद्योग धंधे चौपट हो गए। नोटबंदी को लेकर आज भी कुछ प्रश्न खड़े हैं जिनका जवाब देश मांग रहा है। नोटबंदी से ठीक पहले आरएसएस ने सैकड़ों करोड़ की संपत्ति पूरे देश भर में खरीदी। बिहार में कम कीमतों पर खरीदी गई 8 तथा ओड़िशा में खरीदी गई 18 संपतियों की सूची कांग्रेस ने सार्वजनिक की थी। क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए। नोटबंदी से ठीक पहले सितंबर 2016 में बैंकों में यकायक 5 लाख 88 हजार 600 करोड़ रुपया अतिरिक्त जमा हुआ। जमा कराने वाले कौन थे इसकी जांच नहीं हुई। नोटबंदी वाले दिन यानी 8 नवंबर 2016 को भाजपा की कोलकाता इकाई के खाते में 500 व 100 के नोटों की गड्डियों में तीन करोड़ रुपये जमा कराए गए। बार बार पूछे जाने के बाद भी भाजपा एवं आरएसएस ने यह नहीं बताया कि 1 मार्च 2016 से 8 नवंबर 2916 के बीच में उनके बैंक खातों में कितना पैसा जमा हुआ। नोटबंदी के तूरंत बाद 10 नवंबर 2016 को गाजियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र में एक मारुति स्वीफ्ट कार से तीन करोड़ रुपये बोरियों में बरामद हुआ। कार में सिद्धार्थ शुक्ला एवं अनूप अग्रवाल नाम के दो शख्स थे जिन्होंने पूछताछ करने पर बताया कि ये पैसा भाजपा के लखनऊ कार्यालय ले जा रहे थे। गाजियाबाद भाजपा अध्यक्ष अशोक मोंगा पुलिस स्टेशन आए। जहां लिखकर दिया कि यह पैसा भाजपा के दिल्ली स्थित केन्द्रीय कार्यालय से भाजपा के लखनऊ कार्यालय जा रहा था। मोदी जी कहते हैं कि चाय भी पेटीएम से पियो, फिर भाजपाई करोड़ों रुपया डिक्की में भरकर क्यों ले जा रहे थे। मोदी जी व अमित शाह के चहेते रमेश गौड़ा ने नोटबंदी के बाद खुदकुशी कर ली। उसने सुसाइड नोट में लिखा था कि 100 करोड़ का काला धन भाजपा नेताओं व्दारा बदला जा रहा था। हद तो तब हो गई जब अहमदाबाद के महेश शाह ने काला धन डिस्कोलजर स्कीम में 13 हजार 600 करोड़ काला धन डिक्लेयर कर दिया। नोटबंदी के बाद मात्र 5 दिनों में यानी 10 से 14 नवंबर के बीच अहमदाबाद जिला कोऑपरेटिव बैंक में 745.58 करोड़ के पुराने नोट जमा हो गए। इस बैंक के डायरेक्टर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह थे। 7 मई 2018 के आरटीआई के जवाब में बताया गया कि देश में किसी भी जिला को आपरेटिव बैंक में जमा हुई पुराने नोटं की यह सबसे बड़ी राशि थी। यही नहीं, अकेले गुजरात के 11 जिला कोआपरेटिव बैंक जिनके संचालक भाजपाई नेता व मंत्री हैं में नोटबंदी के 5 दिनों में अप्रत्याशित तौर पर 3881.51 करोड़ के पुराने नोट जमा हुए। पूरे देश में भी भाजपा शासित प्रदेशों में जिला कोऑपरेटिव बैंकों में 14,293.71 करोड़ के पुराने नोट जमा हुए जो देश में कोऑपरेटिव बैंकों में जमा पुराने नोटों का 65 प्रतिशत है। 24 अगस्त 2018 की आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के दिन चलन में 15.44 लाख करोड़ नोटों में से 3 लाख करोड़ काला धन है जो जमा नहीं होगा और जप्त हो जाएगा। 3 लाख करोड़ काला धन पकड़ना तो दूर की बात अब सरकार आरबीआई के रिजर्व खाते का 3 लाख करोड़ जबर्दस्ती निकालने पर उतारू है, जो 71 साल में कभी नहीं हुआ।
भाजपा के लोग यह दावा करते रहे हैं कि नोटबंदी से उग्रवाद एवं नक्सलवाद की कमर टूटी है। सच्चाई यह है कि नोटबंदी के बाद अकेले जम्मू कश्मीर में 86 बड़े उग्रवादी हमले हुए, जिनमें 127 जवान शहीद हुए एवं 99 नागरिक मारे गए। नोटबंदी की तारीख से लेकर फरवरी 2018 तक 1030 नक्सली हमले हुए जिनमें 114 जवान शहीद हुए। हाल में 30 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले में 4 जवान एवं एक पत्रकार शहीद हो गए। कल ही हुए नक्सली हमले में एक जवान की शहादत हुई। सुरजेवाला ने कहा कि नोटबंदी ने रोजी-रोटी पर भी प्रहार किया। सेंटर फॉर मानिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी से सीधे तौर पर 15 लाख नौकरियां गईं। देश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। यही नहीं बैंकों की लाइन में 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई। कितने ही लोगों के धंधे चौपट हो गए।
सुरजेवाला ने कहा कि 2013 में झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में बड़े कांग्रेस नेताओं की जो शहादत हुई उसके बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार को बने रहने का कोई अधिकार नहीं था। यह पूछे जाने पर कि क्या उस समय छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपति शासन लागू करने की जरूरत थी, उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक तरीके से काम करने पर विश्वास करती है, मोदी जी की तरह नहीं। मोदी जी ने बिना कारण अरुणाचल प्रदेश व उत्तराखंड की सरकार बर्खास्त करवा दी। उखाड़ पछाड़ कर गोवा में अपनी सरकार बनवा ली। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने नीति आयोग को पंगु बना दिया। सुप्रीम कोर्ट के सबसे बड़े 4 न्यायाधीशों को पहली बार पत्रकार वार्ता लेकर अपनी बात रखनी पड़ी।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close