May 12, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
दो वर्षीय दीप्ती दत्तक ग्रहण प्रक्रिया में, 30 दिनों के भीतर करें दावा आपत्तिप्रधानमंत्री ने CDS और सेना प्रमुखों संग की अहम बैठक, सीमावर्ती जिलों में हालात सामान्यअनियंत्रित होकर पलटी बस, कई यात्री घायल…नहीं रहा नंदनवन का ‘नरसिंह’, बीमार तेंदुए ने ली अंतिम सांसबंगलादेशी घुसपैठियों, अवैध रूप से निवास कर रहे अप्रवासियों तथा बिना वैध दस्तावेजों के रहने वाले अनाधिकृत व्यक्तियों की पहचान हेतु चलेगा विशेष अभियानपीएम जनमन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान ने आदिम वर्ग के विकास को दी है नई ऊंचाई : सोमनणि बोराहितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं से किया गया लाभान्वितबेमेतरा में पीएम आवास के नाम से 10-10 हजार रु. की रिश्वतमुख्यमंत्री साय ने जिला अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, मरीजों से की संवादपत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने पत्रकार सुरक्षा समिति ने राज्यपाल के नाम विधायक को सौंपा ज्ञापन
नेशनल

आयोध्या में राममंदिर को लेकर गरमाया माहौल , कई हिन्दू संगठन आंदोलन के लिए पहुंचे

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

अयोध्या। अयोध्या इस समय उत्साह और उमंग के साथ ही संशय के दौर से भी गुजर रही है। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए शुरू हुए आंदोलन ने विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयं संघ, शिवसेना और हिंदू संगठनों के साथ ही आमजन का भी उत्साह बढ़ा दिया है लेकिन 26 वर्ष पहले छह दिसंबर को ढांचा ध्वंस के बाद उत्पन्न हुए हालात को याद कर लोग सहमे भी हैं।
विश्व हिंदू परिषद ने रविवार को बड़े भक्त माल की बगिया में विराट धर्मसभा का आयोजन किया है। इसमें तीन लाख से ज्यादा लोगों के जुटने का दावा है। इसके पहले शनिवार को लक्ष्मण किला में शिवसेना 1100 संतों को सम्मानित करने जा रही है। मकसद एक होने के बावजूद विहिप और शिवसेना के बीच मतभेद हैं।
पखवाड़े के भीतर ही छह दिसंबर आने वाला है। 1992 में इसी तारीख को अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के लिए वैसी ही भीड़ जुटी थी, जैसी विहिप ने बुलाई है। तब ढांचा ध्वंस हुआ था लेकिन उसके बाद लंबे समय तक अयोध्या ने दिक्कतों का सामना किया। यहां के निवासी राम शब्द कहते हैं कि भीड़ पर किसी का नियंत्रण नहीं होता, इसलिए कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता। लोग अभी से सब्जी, दाल, और रोजमर्रा की चीजों से घर भरने लगे हैं।
हालांकि सरकार ने सुरक्षा के चौकस इंतजाम किए हैं और कहीं कोई घटना न हो, इसके लिए अफसरों की जवाबदेही तय की गई है। शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के मेले का समापन था। इस बार आने वाले श्रद्धालु भी थोड़ा कम आए। अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार की दोपहर को ही अयोध्या की सड़कों पर आवागमन सुचारू रूप से चलने लगा। पहले कार्तिक पूर्णिमा के दिन अयोध्या से गुजर पाना आसान नहीं होता था। यह पुलिस की चौकसी का ही नतीजा है पर, राम मंदिर निर्माण के लिए छटपटाहट भी खूब है।
लक्ष्मण किला के करीब लाल कोठी के पास रहने वाली चारुशिला सहचरी कहती हैं कि राम मंदिर बनना चाहिए। अब देर न हो। वह कहती हैं कि प्रभु श्रीराम कुछ ना होने देंगे।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close