छत्तीसगढ़

प्रदेश में कहीं भी नहीं हो रही बिजली कटौती – भूपेश बघेल

रायपुर। पूर्व मुख्यंमंत्री और विधायक डॉ रमन सिंह ने सवाल किया कि प्रदेश में बिजली कटौती के लिए विभाग की ओर से कोई निश्चित समय निर्धारित किया गया है। इसके लिखित जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी द्वारा बिजली की घोषित कटौती नहीं की जा रही है। लेकिन तकनीकी कारणों से राज्य में विद्युत की मांग और उपलब्धता में असंतुलन की स्थिति में ग्रिड संतुलन को बनाए रखने के लिए, नक्सल प्रभावित क्षेत्र को छोड़कर शेष राज्य में 33 केवी फीडरों में बिजली सप्लाई को रेग्युलेट किया जाता है।
प्रत्येक दिन बिजली की अधिकतम मांग की अवधि में 11 केवी के फीडर, जिनसे केवल सिंचाई पंपों को बिजली सप्लाई होती है, उसमें शाम पांच से रात 11 बजे तक बिजली सप्लाई बंद करके मांग एवं उपलब्धता का संतुलन रखा जाता है।
विधायक मोहन मरकाम के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि एक जनवरी 2019 से 15 जून 2019 तक बिजली की कुल खपत 27 हजार 526 मिलियन यूनिट दर्ज की गई है। विधायक धनेंद्र साहू के सवाल के लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश से केवल तेलंगाना को एक हजार मेगावाट बिजली बेचने का अनुबंध 12 वर्ष के लिए किया गया है।
वहीं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सवाल किया कि क्या राज्य शासन ने आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के अभ्यर्थियों को शासकी सेवा और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए आरक्षण का कोई नियम बनाया है। इसके लिखित जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि इस संबंध में शासन द्वारा गठित सचिव स्तरीय समिति परीक्षण कर रही है।
भारत सरकार के अंतर्गत लोक पदों एवं सेवाओं में तथा शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए राज्य के अभ्यर्थियों को निर्धारित प्रास्र्प में आय और संपत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एसडीएम और तहसीलदार को प्राधिकृत किया गया है। प्रमाण पत्र जारी करने के मापदंड भारत सरकार से निर्धारित किया गया है।
इस वर्ष एनईईटी की प्रवेश परीक्षाओं में राज्य के अभ्यर्थियों को आरंक्ष का लाभ दिया जा रहा है। आइआइटी की प्रवेश परीक्षा भारत सरकार द्वारा स्थापित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित की जाती है। अत: उक्त परीक्षा में राज्य के अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ प्राप्त होने की जानकारी उपलब्ध नहीं है।

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