December 23, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
मुख्यमंत्री से वालीबॉल संघ के पदाधिकारियों ने की मुलाकातराजधानी के जैन मंदिर में 10 लाख के आभूषण की चोरीपैरावंट में लगी आग ,7 साल का मासूम की मौतपुलिस भर्ती में गड़बड़ी मामला : 4 पुलिसकर्मियों समेत 6 आरोपी गिरफ्तारमहिला डिजिटल अरेस्ट से बचीIED ब्लास्ट : 3 नक्सली गिरफ्तार, कब्जे से 3 किलो की IED, प्रेशर बम और विस्फोटक बरामदखेल-खेल में बच्चे सीख रहे गणित की जटिल आकृति, सिद्धांत और प्रमेयदिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक कांग्रेस केवल धक्कामुक्की और धमकीबाजी कर रही है:किरण देवप्रधानमंत्री मोदी पहुंचे कुवैत, 43 वर्षों में किसी भारतीय पीएम का पहला दौरासुशासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर नगर सेना द्वारा वृहद सफाई अभियान चलाया गया
छत्तीसगढ़

ओबीसी आरक्षण मामला, हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार पक्ष रखेगी- मुख्यमंत्री

आंकड़े प्रश्नांकित और सर्वोच्च न्यायालय के पूर्ववर्ती आदेश का याचिकाओं में जिक्र

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। ओबीसी आरक्षण मसले के विरोध में लगाई गई याचिका पर बीते एक अक्टूबर को सुरक्षित रखे गए आदेश को सार्वजनिक करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण का कोटा 14 प्रतिशत किए जाने के अध्यादेश को स्टे कर दिया है।
राज्य सरकार ने बीते चार सितंबर को छत्तीसगढ लोकसेवा संशोधन अध्यादेश जारी कर ओबीसी के लिए पहले तय मानक 14 प्रतिशत को बढ़ा कर 27 फ़ीसदी किया गया था। इसी अध्यादेश में दस प्रतिशत आरक्षण आर्थिक आधार पर भी दिए जाने का उल्लेख था।
हाईकोर्ट में इस अध्यादेश के विरोध में कुल 11 याचिकाएँ दायर की गई थीं। हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की संयुक्त बेंच ने इन्हें एक साथ लिस्ट कर दिया और इसकी सुनवाई की।
इन याचिकाओं में एक याचिका आर्थिक आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के विरोध में भी दायर थी।हाईकोर्ट का स्टे केवल ओबीसी के अरक्षण वृद्धि पर प्रभावी है।
ओबीसी आरक्षण वृद्धि के विरोध में लगाई याचिकाओं में से एक याचिका कर्ता के अधिवक्ता निशिकांत सिन्हा ने बताया
हमने यह कहा था कि राज्य ने जाति के वास्तविक आँकड़ो के बगैर आरक्षण लागू किया। साथ ही यह प्रश्न भी था कि, जब राज्य के पास पिछडा वर्ग समिति है, जो डाटा कलेक्ट करती है और पिछड़े वर्ग की देख रेख सुनिश्चित करती है तो उसकी अनुशंसा कहीं दर्ज ही नही थी।उसकी अनुशंसा के बगैर अध्यादेश लाया गया।
राज्य की ओर से अध्यादेश के समर्थन में 1980 के महाजन कमेटी को आधार बताया गया।साथ ही नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइज़ेशन और आरबीआई के आँकड़े दिए गए थे, जो पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 45.5 प्रतिशत बताते हैं।
इधर इस अंतरिम आदेश के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धमतरी में मीडिया से कहा न्यायालय ने 69 प्रतिशत आरक्षण स्वीकार लिया है। याने एससी और आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण को स्वीकार लिया है। ओबीसी के आरक्षण को स्वीकार नही किया गया है। जिसको लेकर हम अपनी लडाई लड़ेंगे। न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे।
याचिकाकर्ताओं में से एक रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने कहा यह अध्यादेश संविधान और सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ था, पचास प्रतिशत से उपर आरक्षण लागू नही किया जा सकता था, और आँकड़ो को लेकर प्रश्न तो है ही।

gramyatracg

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Check Also
Close