छत्तीसगढ़

MRI मशीन में घायल हुई महिला, 5 लाख मुआवजा देने का आदेश

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बिलासपुर। हाई कोर्ट ने डॉ. बीआर आंबेडकर अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एमआरआइ मशीन में महिला के गंभीर रूप से घायल होने पर शासन को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम नेवरा निवासी रामकुमारी श्रीवास (36) पति बल्लू श्रीवास को न्यूरो संबंधित समस्या होने पर डॉ. बीआर आंबेडकर अस्पताल रायपुर में भर्ती किया गया था। चिकित्सक ने एमआइआर के लिए मरीज को रेडियोलॉजी विभाग भेजा। जांच के बाद कर्मचारी एमआरआइ कक्ष में लोहे का स्ट्रेचर ले गए।
मशीन में उच्च शक्ति चुंबकीय क्षेत्र होने पर मशीन ने स्ट्रेचर को अंदर खींच लिया। इससे मशीन के अंदर लेटी महिला मशीन व स्ट्रेचर के बीच फंस कर गंभीर रूप से घायल हो गई। 100 प्रतिशत विकलांग होने पर पीड़िता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
याचिका में जस्टिस गौतम भादुड़ी के कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शासन व याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण याचिकाकर्ता को अतिरिक्त चोट आई है। स्वास्थ्य नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
सभी सरकारी अस्पताल, नर्सिंग होम, पॉलीक्लीनिक्स को क्षमता के अनुसार सर्वोत्तम उपचार प्रदान कराने का दायित्व है। कोर्ट ने कर्मचारियों की लापरवाही के कारण अतिरिक्त चोट आने के कारण शासन को 60 दिन के अंदर पांच लाख रुपये याचिकाकर्ता को मुआवजा देने का आदेश दिया है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की ली गई सहायता
सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष यह बात आई कि याचिकाकर्ता को न्यूरो समस्या होने और लकवाग्रस्त होने के कारण न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया था। चोट लगने से विकलांगता नहीं होने व याचिकाकर्ता का सरकार के खर्च पर एम्स दिल्ली में उपचार कराए जाने की बात कही गई। इस पर कोर्ट ने न्यूरो सर्जन डॉ. लवलेश राठौर, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश साहू व डॉ. अनिल बघेल की टीम बनाकर रिपोर्ट मांगी थी। तीनों डॉक्टर ने मामले में निष्पक्ष न्याय प्रदान करने कोर्ट को सहयोग प्रदान किया है।

 
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