छत्तीसगढ़

बगिया समृद्धि एम कैड योजना से जशपुर में सिंचाई व्यवस्था का होगा आधुनिकीकरण, बनेगा भारत देश का मॉडल प्रोजेक्ट

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जशपुरनगर। कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में आज समृद्धि  कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन का आधुनिकीकरण (MCAD) परियोजना की बैठक आयोजित की गई। बैठक में  जिले में शुरू होने वाली एमकैड के अंतर्गत प्रस्तावित बगिया बैराज सह दाबित उद्वहन सिंचाई योजना के क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

इस परियोजना के माध्यम से 13 ग्रामों के कुल 4933 हेक्टेयर क्षेत्र को आधुनिक सिंचाई सुविधा से जोड़ा जाएगा। परियोजना के तहत पारंपरिक नहर प्रणाली के स्थान पर आधुनिक प्रेसराइज्ड पाइप इरिगेशन नेटवर्क विकसित किया जाएगा, जिससे जल उपयोग दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

 

बैठक में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, समृद्धि के स्टेट नोडल ऑफिसर आलोक अग्रवाल प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय पाठक, यूनाइटेड नेशन के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) से कृष्णन एवं राजेश, कृषि, उद्यानिकी, जल संसाधन विभाग, कृषि महाविद्यालय के अधिकारी तथा सृजन और प्रदान संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान कलेक्टर रोहित व्यास ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि परियोजना में शामिल 13 ग्रामों के प्रत्येक किसान का नाम, रकबा, सिंचित एवं असिंचित भूमि का विस्तृत विवरण संकलित किया जाए। उन्होंने कहा कि समृद्धि चौपाल के माध्यम से किसानों को परियोजना के लाभों से अवगत कराया जाएगा तथा फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि सिंचाई परियोजना का अधिकतम और समुचित उपयोग सुनिश्चित हो सके।

 

जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार ने परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जमीनी स्तर पर कार्यरत कृषि कर्मियों एवं कृषि महाविद्यालय के विद्यार्थियों के सहयोग लेने की बात कही। साथ ही एफआरए (फार्मर रिलेशन एजेंसी) के माध्यम से किसानों में जागरूकता बढ़ाने पर भी बल दिया।

समृद्धि MCAD परियोजनाः हर बूंद का बेहतर उपयोग, किसानों की बढ़ेगी उत्पादकता  : 

समृद्धि योजना के अंतर्गत जशपुर जिले की मैनी नदी पर प्रस्तावित बगिया बैराज सह दाबित उद्वहन सिंचाई योजना के के संबंध में समृद्धि के स्टेट नोडल ऑफिसर आलोक अग्रवाल ने बताया कि एमकैड कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत सरकार के शक्ति मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2025 में किया गया था।

 

एमकैड कार्यक्रम के अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कांसाबेल विकासखंड के ग्राम बगिया एवं आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बगिया दाबित सिंचाई प्रणाली के लिए भारत सरकार द्वारा 95.89 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस परियोजना के माध्यम से क्षेत्र के 13 ग्रामोंकृबगिया, उसकुटी, रजोती, सुजीबहार, चोंगरीबहार, बांसबहार, डोकडा, सिकरिया, पतराटोली, गहिराडोहर, बीहाबल, नरियरडांड एवं ढुढुडांड के 8454 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी। इसमें से 4831 हेक्टेयर खरीफ एवं 3623 हेक्टेयर रबी फसलों के लिए सिंचित किया जाएगा।

बगिया समृद्धि योजना का संचालन एवं संधारण जल उपभोक्ता समिति के माध्यम से किया जाएगा। परियोजना पूर्ण होने के पश्चात प्रारंभिक 5 वर्षों तक संचालन एवं संधारण कार्य ठेकेदार द्वारा किया जाएगा, इसके बाद यह जिम्मेदारी जल उपभोक्ता समिति को सौंपी जाएगी।
समिति में महिलाओं की सहभागिता भी सुनिश्चित की गई है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल उपयोग दक्षता को बढ़ाना, पानी की हर बूंद का समुचित उपयोग करते हुए कृषि उत्पादन में वृद्धि करना तथा किसानों की आय में स्थायी सुधार लाना है। परियोजना में विद्युत आपूर्ति सौर ऊर्जा के माध्यम से की जाएगी। साथ ही जल के नियंत्रित एवं वैज्ञानिक उपयोग के लिए सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डेटा एक्विज़िशन  (SCADA) तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के कृष्णन ने तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस परियोजना के माध्यम से सिंचाई परिसंपत्तियों पाइप नेटवर्क संरचना एवं जल प्रबंधन के संचालन में किसानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
डेटा एवं विश्लेषण के आधार पर यह निर्धारित किया जाएगा कि कहां, कब और कितना पानी देना है। उन्होंने कहा कि कृषि और सिंचाई एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। बेहतर सिंचाई व्यवस्था के साथ उन्नत कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसानों को जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों से निपटने में सक्षम बनाया जा रहा है, जिससे दीर्घकालीन उत्पादकता, लाभप्रदता और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार सुनिश्चित होगा।
 
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