महिला किसान धनिया बाई की दृढ़ता और सुव्यवस्थित खरीदी व्यवस्था बनी प्रेरणा

चैनपुर उपार्जन केंद्र में 43.20 क्विंटल धान विक्रय कर पेश की मिसाल
एमसीबी I जिले में इस वर्ष धान खरीदी व्यवस्था न केवल सुचारू रूप से संचालित हो रही है, बल्कि किसानों के लिए उम्मीद और विश्वास की नई राह भी खोल रही है। इसी बदले हुए माहौल का एक सुंदर उदाहरण है-ग्राम तेंदूडांड की महिला किसान धनिया बाई, जिन्होंने आज चैनपुर उपार्जन केंद्र में 43.20 क्विंटल धान बेचकर न सिर्फ आर्थिक मजबूती पाई, बल्कि अन्य किसानों विशेषकर महिला कृषकों के लिए प्रेरणा भी बनीं।
सुव्यवस्थित व्यवस्था बनी मजबूत आधार
धनिया बाई सुबह अपने धान के साथ केंद्र पहुँचीं तो उन्हें न भीड़ मिली, न अव्यवस्था। डिजिटल टोकन के कारण न प्रतीक्षा और न ही किसी प्रकार की भागदौड़। धान की गुणवत्ता जाँच से लेकर डिजिटल तौल और रसीद जारी होने तक हर प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूर्ण हुई। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा- “पहले खरीदी के समय मन में कई तरह की चिंता रहती थी, लेकिन इस बार सब कुछ इतना व्यवस्थित रहा कि पूरा काम आराम से हो गया। प्रशासन और सरकार ने सच में किसानों की सुविधा को प्राथमिकता दी है।”
सम्मानजनक समर्थन मूल्य से बढ़ा आत्मविश्वास
इस वर्ष 3100 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत आधार दिया है। धनिया बाई बताती हैं कि यह राशि उनके कृषि कार्य और घर की आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। “मेहनत का सही मूल्य मिलने से दिल खुश हो जाता है। सरकार का यह निर्णय किसानों के जीवन में स्थिरता लाता है।”
धनिया बाई महिला किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत
धान खरीदी केंद्र में धनिया बाई की सक्रियता और आत्मविश्वास ने अन्य महिला किसानों को भी प्रेरित किया। उनकी तरह कई महिला कृषक अब खरीदी केंद्रों तक पहुँच रही हैं और डिजिटल, पारदर्शी व्यवस्था का लाभ उठा रही हैं। यह बदलाव ग्रामीण कृषि जगत में महिलाओं की भूमिका को और सशक्त करता है।
प्रशासनिक प्रबंधन से किसानों में भरोसा मजबूत
चैनपुर केंद्र में पर्याप्त बारदाना, सटीक तौल मशीनें, स्वच्छ पेयजल, बैठने की व्यवस्था और सहयोगी कर्मचारियों की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि किसानों की सुविधा सर्वाेपरि रहे। किसानों का कहना है- “इस वर्ष प्रशासन ने तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी। यही वजह है कि खरीदी सुचारू रूप से चल रही है और किसान बिना चिंता अपना धान बेच पा रहे हैं।”
शांतिपूर्ण और सफल खरीदी का प्रतिरूप
धनिया बाई की सफलता की कहानी केवल एक धान विक्रय की घटना नहीं, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि जब व्यवस्था पारदर्शी हो, समर्थन मूल्य सम्मानजनक हो और प्रशासनिक टीम संवेदनशील हो-तो किसान समुदाय में विश्वास और आत्मबल दोनों बढ़ते हैं। चैनपुर उपार्जन केंद्र पर धनिया बाई का सफल धान विक्रय जिले की बदली हुई खरीदी व्यवस्था का उज्ज्वल उदाहरण बन गया है-एक ऐसी सफलता की कहानी, जो आने वाले दिनों में और किसानों को प्रेरित करेगी।

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