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नराईबोध में बवाल : गांववालों ने कलेक्टर से लगाई गुहार — बाहरी नेताओं प्रशांत झा और दीपक साहू के प्रवेश पर लगे रोक !

कोरबा।

एसईसीएल गेवरा परियोजना से प्रभावित ग्राम नराईबोध के ग्रामीणों ने अब सीधे मोर्चा खोल दिया है। रोजगार, मुआवजा और पुनर्वास के मसले पर वर्षों से संघर्ष कर रहे गांववालों ने सोमवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कुछ बाहरी लोगों पर आंदोलन को हाईजैक करने का गंभीर आरोप लगाया है।

गांववालों ने साफ कहा — “हम अपनी लड़ाई खुद लड़ने में पूरी तरह सक्षम हैं, बाहर से आए कुछ लोग हमारे हक की लड़ाई को अपने स्वार्थ का हथियार बना रहे हैं।”

आरोप सीधे — ‘स्वार्थ, ब्लैकमेलिंग और ठेकेदारी खेल’

ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में छत्तीसगढ़ किसान सभा और कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े नेताओं प्रशांत झा और दीपक साहू का नाम लेकर कहा कि ये दोनों गांव के निवासी नहीं हैं, फिर भी दखलअंदाजी कर रहे हैं।
गांव के ही एक व्यक्ति रमेश दास पर भी आरोप है कि उन्हीं के जरिए ये लोग गांव में घुसकर भ्रम और तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने कहा —

“इनका मकसद ग्रामवासियों का भला नहीं, बल्कि अपने निजी फायदे और ठेकेदारी से जुड़ा है। गांव के नाम पर गलत बयानबाजी और ब्लैकमेलिंग से माहौल खराब किया जा रहा है।”

 प्रशासन से सख्त कदम की मांग

ग्रामवासियों ने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी और एसईसीएल प्रबंधन को पत्र भेजकर मांग की है कि प्रशांत झा, दीपक साहू और रमेश दास पर तत्काल रोक लगाई जाए —
ताकि वे गांव के किसी भी आंदोलन या वार्ता में दखल न दें और न ही ग्रामीणों के नाम पर कोई बयान या प्रतिनिधित्व करें।

 “हम खुद रखेंगे अपनी बात”

गांववालों ने कहा कि बाहरी हस्तक्षेप खत्म होने के बाद ही वे प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन के साथ शांतिपूर्ण और सार्थक वार्ता कर पाएंगे।
“हमारी लड़ाई रोजगार, मुआवजा और पुनर्वास की है, राजनीति की नहीं,” — यह बात ग्रामीणों ने एक सुर में दोहराई।

 
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