
कोरबा। “झूठ चाहे जितना भी छुपा लो, सच एक दिन गूंजता है” — यह पंक्ति ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ नेटवर्क की ताज़ा रिपोर्ट पर सटीक बैठती है। 21 जुलाई 2025 को रात 9:58 बजे जारी किया गया कथित 10 करोड़ का संदिग्ध डेस्क-बेंच टेंडर अब निरस्त कर दिया गया है।
हमारी टीम द्वारा उजागर की गई टेंडर प्रक्रिया की 10 बड़ी विसंगतियां, तकनीकी अनियमितता और GeM गाइडलाइंस का उल्लंघन — इन सभी तथ्यों को सार्वजनिक करते ही विभाग में हड़कंप मच गया।
सच की आवाज़ बनी ‘ग्राम यात्रा’, झूठ की परतें उखड़ीं
- रात 9:58 बजे टेंडर डालना — अब तक अफसर नहीं दे पाए कोई जवाब
- बिना साइज, मटेरियल स्पेसिफिकेशन के करोड़ों का टेंडर
- सिर्फ 3 दिन में सैंपल, बिना टेस्ट डिटेल के टेस्ट सर्टिफिकेट की मांग
- MSME, स्टार्टअप को कोई छूट नहीं — नीति का खुला उल्लंघन
- स्पीड पोस्ट से दस्तावेज ? — GeM के डिजिटल सिस्टम का अपमान
ग्राम यात्रा की रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग पर जनदबाव इतना बढ़ा कि टेंडर को वापस लेने का निर्णय लेना पड़ा। अब इस पूरे मामले में दोषी अधिकारियों की भूमिका की भी गंभीर जांच की मांग उठने लगी है।
भ्रष्ट सिस्टम की चूलें हिल गईं
सिर्फ एक स्वतंत्र और साहसी रिपोर्ट ने साबित कर दिया कि जब पत्रकारिता ईमानदारी से हो — तो 10 करोड़ का घोटाला भी रुक सकता है।
इस खबर के बाद अब राज्य के अन्य जिलों में भी GeM टेंडरों की स्क्रूटिनी शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, बलौदाबाजार, सरगुजा, कांकेर सहित कई जिलों से भी संदिग्ध टेंडर प्रक्रिया के प्रमाण एकत्र किए जा रहे हैं।
ग्राम यात्रा न्यूज़ की संपादकीय टिप्पणी :
“हमारी टीम ने जो उठाया, वह सिर्फ एक खबर नहीं थी — वह सिस्टम से सवाल पूछने की हिम्मत थी। हम हर बार, हर घोटाले के खिलाफ, जनता के हक में कलम और कैमरा उठाते रहेंगे।”
- संपूर्ण टेंडर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए
- जिम्मेदार अफसरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो
- भविष्य में टेंडर टाइमिंग, शर्तें और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए
ग्राम यात्रा न्यूज़ नेटवर्क एक बार फिर साबित कर चुका है कि सच्ची पत्रकारिता जिंदा है — और जब वो बोलती है, तो सिस्टम सुनने को मजबूर होता है।
इसी तरह जुड़े रहिए हमारे साथ, अगला पर्दाफाश बहुत जल्द…
