छत्तीसगढ़

किन्नरों को समाज में समानता और सम्मान का अधिकार दिया

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रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। ट्रांजेन्डरों ने आज केन्द्र सरकार व्दारा दिए गए नागरिक अधिकारों,सुरक्षा, भेदभाव दूर करने, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की दी गई सुविधाओं की जानकारी के लिए आज रायपुर विकास प्राधिकरण में एक कार्यशाला का आयोजिन किया गया।

नेशनल काउंसलिंग फॉर ट्रांसजेंडर कौंसिल की सदस्य विद्या राजपूत, रवीना बरिहा, पप्पी देवनाथ ने प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों को इस कार्य़शाला के दौरान संबोधित किया। महासमुन्द की ट्रांसजेन्डर रवीना बरिहा ने विधि की शिक्षा प्राप्त की है।

उन्होनें बताया भगवान श्रीराम के लंका से अय़ोध्या लौटने के बाद उन्होंने किन्नरों की भक्ति से  प्रसन्न हो कर आर्शीवाद दिया, इसी आर्शीवाद के कारण किन्नरों को विशेष शक्तियां प्राप्त हुई  और उन्हें समाज में एक खास स्थान मिला।  ब्रिट्रिश काल के पूर्व काफी मान सम्मान दिया जाता था।

इन्हे किन्नर सहित  लगभग 12 नामों से जाना जाता था। लेकिन ब्रिट्रिशकाल में ट्रांसजेन्डरों  का बहुत दमन किया गया और  उन्हें अपराधी घोषित किया।

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  की सरकार ने सन् 2019 में  “ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019” पारित किया। यह अधिनियम ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज में समानता और सम्मान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह अधिनियम ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कई महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान करता है, इसमें लिंग पहचान का अधिकार,शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवा, भेदभाव के खिलाफ सुरक्षा, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज प्राप्त करने का अधिकार दिया गया। इस अधिनियम के पारित होने से भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक नया अध्याय शुरू हुआ है।

प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतीक जैन की पहल पर आयोजित इस कार्यशाला में विद्या राजपूत ने आगे कहा कि इन दिनों ट्रांसजेन्डरों की सामने सबसे बड़ी समस्या आवास की कमी है। इसके लिए रायपुर विकास प्राधिकरण अपनी योजनाओ में किन्नरों को भी आवास और फ्लैट आवंटित कर सकता है।

इस पर रायपुर विकास प्राधिकरण की अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती शिम्मी नाहिद ने कहा कि प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में कई संपत्तिया उपलब्ध है उनमें से ट्रांसजेन्डर समुदाय अपनी आवश्यकतानुसार संपत्ति क्रय कर सकता है।

संपत्ति क्रय करने के लिए बैंक से ऋण भी लिया जा सकता है। भविष्य में जो आवासीय योजनाएं बनाई जाएगी उनमें छत्तीसगढ़ शासन से अनुरोध कर ट्रांसजेन्डरों के लिए भी आवासीय सुविधाएं विकसित करने का प्रस्ताव भी भेजा जाएगा।

 

 
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