आदिवासी संस्कृति हमारी पहचान, इसका संरक्षण हमारा दायित्व: ओपी चौधरी

कल्याण आश्रम के 73वें स्थापना दिवस एवं बाला साहब देशपांडे जयंती पर भव्य वार्षिकोत्सव का आयोजन
रायपुर । अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के 73वें स्थापना दिवस एवं संस्थापक बाला साहब देशपांडे की जयंती पर कल्याण आश्रम विद्यालय परिसर में वार्षिकोत्सव एवं स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी तथा विशिष्ट अतिथि नागपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता गजानन असोले एवं देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव गोविंद नारायण सिंह उपस्थित रहे।
समारोह में विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, नगरपालिका जशपुर के अध्यक्ष अरविंद भगत, जनपद पंचायत जशपुर के अध्यक्ष गंगाराम भगत, नगर पालिका उपाध्यक्ष यश प्रताप सिंह जूदेव, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शांति भगत, पार्षदगण सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं नागरिकों की उपस्थिति रही।
इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कल्याण आश्रम के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए संस्थापक बाला साहब देशपांडे को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति हमारी पहचान है और इसे सहेजना हम सबका सामूहिक दायित्व है। जनजातीय समाज की संस्कृति, कला और जीवनशैली के संरक्षण में बाला साहब देशपांडे का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
मंत्री चौधरी ने कहा कि आदिवासी समाज सदियों से प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीवन जीता आया है। वृक्ष, पर्वत, नदियां, धरती माता और गौमाता की पूजा प्रकृति के प्रति उनके सम्मान को दर्शाती है। आज आदिवासी खान-पान, जैविक खेती तथा कोदो-कुटकी जैसे पौष्टिक अनाजों को वैश्विक स्तर पर अपनाया जा रहा है, जो जनजातीय परंपराओं की प्रासंगिकता को सिद्ध करता है।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समाज के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महानायकों ने देश की आज़ादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में घोषित कर आदिवासी समाज के योगदान को राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया है।
कार्यक्रम में वनवासी कल्याण आश्रम मध्य क्षेत्र के संगठन मंत्री सुभाष बड़ोले एवं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री योगेश बापट ने आश्रम की गतिविधियों, जनजातीय संस्कृति के संरक्षण में उसकी भूमिका तथा बाला साहब देशपांडे के प्रेरणादायी जीवन पर प्रकाश डाला।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों एवं मलखंभ प्रदर्शन ने मोहा मन
समारोह के दौरान लोक कला संगम के अंतर्गत 150 से अधिक नर्तक दलों द्वारा प्रस्तुत जनजातीय लोकनृत्य और मलखंभ प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। सांस्कृतिक प्रतियोगिता में 8 से 18 वर्ष आयु वर्ग में शबनम बाई ने प्रथम, संदीप ने द्वितीय और ओंकार राम भगत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कैलाश चौहान प्रथम, श्रीमती गुंजी भगत द्वितीय तथा श्रीमती कमला बाई तृतीय स्थान पर रहीं।

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