छत्तीसगढ़

अशोका विद्यालय में गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से आलोकित हुआ वातावरण

कवर्धा । अशोका पब्लिक विद्यालय में प्रथम सिख गुरु गुरु नानक देव के 556वें प्रकाश पर्व का आयोजन श्रद्धा, आस्था और भव्यता के साथ किया गया। पूरे विद्यालय परिसर में “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के जयघोष और भक्ति संगीत की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो उठा। दीपों की रौशनी और पुष्पों की सुगंध ने परिसर को आध्यात्मिक आभा से भर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात फेरी और गुरु वाणी के मधुर कीर्तन से हुई, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसके बाद विद्यार्थियों ने गुरु नानक देव जी के जीवन, शिक्षाओं और उनके तीन मुख्य उपदेश — “नाम जपो, किरत करो और वंड छको” — पर आधारित भाषण, कविताएँ और समूह गीत प्रस्तुत किए।

छात्राओं द्वारा प्रस्तुत “गुरु नानक देव जी का संदेश-प्रकाश” नाटक कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा, जिसमें गुरु जी के उपदेशों को भावनात्मक और प्रेरक रूप में प्रस्तुत किया गया।

विद्यालय के संचालक पवन देवांगन एवं श्रीमती सारिका देवांगन ने अपने उद्बोधन में कहा, “गुरु नानक देव जी ने मानवता, समानता और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज में प्रेम, एकता और सेवा की भावना फैलानी चाहिए। मानव सेवा ही गुरु जी के जीवन का मूलमंत्र है।”

कार्यक्रम में सिख समुदाय के छात्र-छात्राओं ने विशेष भागीदारी निभाई। चंचल कौर बाधवा, हरसहज कौर, जसप्रीत कौर बाधवा, टिकेन्द्र, कौस्तुभ और उनकी समुद्रा हाउस टीम ने शबद-कीर्तन और भाषण प्रस्तुत किए, जिनमें गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला गया।

पूरा विद्यालय गुरु नानक देव जी की जय-जयकार से गूंज उठा। कार्यक्रम में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। अंत में विद्यालय परिवार ने गुरु नानक जयंती को प्रेम, भाईचारे और मानवता के संदेश के रूप में मनाया।

 
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