नक्सलियों के पत्र पर डिप्टी सीएम साव ने कहा- ‘मुख्यधारा में लौटें, रास्ता खुला है’

रायपुर। माओवादी संगठन MMC जोन की ओर से छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भेजी गई चिट्ठी ने प्रदेश की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। पत्र में संगठन ने पहली बार हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आने की इच्छा जताई है। साथ ही सरकार से सरेंडर प्रक्रिया के लिए समय देने और कुछ शर्तों पर बातचीत करने की अपील की है।
राज्य सरकार का रुख स्पष्ट, “मुख्यधारा में लौटें, रास्ता खुला है”
नक्सलियों के पत्र पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल उन्मूलन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनके लिए दरवाजे हमेशा खुले हैं और वे जब चाहें हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें सम्मानजनक पुनर्वास योजनाएं देने को तैयार है, लेकिन अगर वे हिंसा नहीं छोड़ते तो सुरक्षा बलों की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
दिल्ली में हिडमा के समर्थन में लगे नारों पर प्रतिक्रिया
इंडिया गेट पर कुख्यात नक्सली हिडमा के समर्थन में लगे नारों पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि यह टुकड़े-टुकड़े गैंग की मानसिकता का एक और उदाहरण है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ऐसे तत्वों को कड़ा सबक सिखाएगी। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
विपक्ष का सवाल, “चिट्ठी असली है या नहीं, सरकार स्पष्ट करे”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इस पत्र पर सरकार से स्पष्टता मांगी है। उन्होंने कहा कि पहली बार तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नक्सलियों ने पत्र लिखा है। इसकी सत्यता क्या है, यह सरकार को साफ बताना चाहिए। अगर पत्र असली है तो सरकार को इस पर गंभीर निर्णय लेना चाहिए।
नक्सलियों का यह पत्र सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक दलों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार इस मामले पर केंद्र से भी बातचीत कर सकती है।

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