छत्तीसगढ़

केंद्र ने माइनिंग भूमि आवंटन सरल किया, सतही अधिकार अब सीधे कलेक्टर से

Spread the love
Listen to this article

रायपुर । खनन क्षेत्र में जमीन आवंटन और मुआवजा तय करने की प्रक्रिया तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब सफल बोलीदाता सीधे जिला कलेक्टर से सतही अधिकार के लिए आवेदन कर सकेंगे। सरकार का दावा है कि इस व्यवस्था से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और परियोजनाएं समय पर शुरू हो सकेंगी।

खनन मंत्रालय ने खनिज और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 20A के तहत यह आदेश जारी किया है। इसमें राज्यों को सतही अधिकार, मुआवजा निर्धारण और भूमि उपलब्धता की प्रक्रिया को समयबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं। निजी भूमि खरीद में होने वाली देरी, बढ़ी हुई कीमतें और दलालों की दखल जैसी समस्याओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

पहले कंपनियों को सीधे भूमि मालिकों से जमीन खरीदनी पड़ती थी, जिससे कई बार खनन परियोजनाएं महीनों तक अटकी रहती थीं। नई प्रणाली में जिला प्रशासन ही प्रक्रिया को संभालेगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और जमीन मालिकों को समय पर उचित मुआवजा मिल सकेगा।

राज्यों को मिली समयसीमा

केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को स्पष्ट डेडलाइन दी है:
• राज्य 30 दिनों के भीतर मुआवजा निर्धारण के लिए अधिकारी नियुक्त करें।

नियुक्ति न होने पर जिला कलेक्टर स्वतः अधिकृत अधिकारी माने जाएंगे।

 वार्षिक सतही मुआवजा हर वर्ष 30 जून तक देना अनिवार्य होगा।
• वर्ष के मध्य में खनन शुरू होने पर प्रो-राटा मुआवजा अग्रिम देना होगा।
• आवेदन मिलने के 90 दिनों के भीतर मुआवजा निर्धारण का निर्णय लेना होगा।
• खनन क्षेत्र में निर्बाध प्रवेश धारा 24A के तहत सुनिश्चित करना होगा।

केंद्र को उम्मीद, रिफॉर्म से बढ़ेगी रफ्तार

देश के कई राज्यों में सैकड़ों खनिज ब्लॉक नीलाम हो चुके हैं, लेकिन सतही अधिकार न मिलने के कारण बहुत कम ब्लॉक ही संचालित हो पाए हैं। नई व्यवस्था से उत्पादन बढ़ेगा, स्थानीय रोजगार के अवसर मजबूत होंगे और राज्यों की राजस्व प्राप्ति में बढ़ोतरी होगी। प्रीमियम, रॉयल्टी और DMF फंड में भी वृद्धि की संभावना है।

 

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button