जशपुर में पहली बार पुंगनूर बछिया का जन्म, जिले के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि

जशपुर । जिले से एक गर्वपूर्ण और ऐतिहासिक उपलब्धि सामने आई है। जशपुर में पहली बार पुंगनूर नस्ल की मादा वत्स (बछिया) का जन्म हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पुंगनूर गाय के साथ ली गई तस्वीरों के वायरल होने के बाद से पूरे देश में इस अनोखी नस्ल की मांग तेज़ी से बढ़ी है। ऐसे समय में जशपुर में इसका सफल जन्म जिले के पशुधन विकास के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
विश्व की सबसे छोटी और खास नस्ल – पुंगनूर
पुंगनूर नस्ल का मूल स्थान आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले का पुंगनूर क्षेत्र है। अपनी बेहद छोटी कद-काठी और उच्च उपयोगिता के कारण इसे विश्व की सबसे छोटी गाय कहा जाता है।
पत्थलगांव के पशु चिकित्सालय में पदस्थ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के.के. पटेल ने गोढ़ीकला निवासी किसान खगेश्वर यादव की देशी गाय में पुंगनूर नस्ल के सांड के हिमकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान कराया था। इसी प्रक्रिया से गाय ने एक स्वस्थ मादा बछिया को जन्म दिया। यह जशपुर जिले में पशुधन संवर्धन के इतिहास का महत्वपूर्ण पड़ाव बताया जा रहा है।
जिले के लिए गर्व का क्षण
इस उपलब्धि पर डॉ. बी.पी. भगत ने के.के. पटेल और किसान खगेश्वर यादव को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह सफलता न केवल पत्थलगांव बल्कि पूरे जशपुर जिले के लिए गर्व की बात है। उन्होंने आगे कहा कि इससे नस्ल सुधार, वैज्ञानिक तकनीकों के उपयोग और पशुधन विकास को नई दिशा मिलेगी।
पुंगनूर गाय के फायदे, क्यों है यह खास?
दूध में एंटी–बैक्टीरियल गुण
A2 प्रोटीन की अधिक मात्रा
कम फैट वाला स्वास्थ्यवर्धक दूध
धार्मिक व सांस्कृतिक मान्यता
बाजार मूल्य ₹1 लाख से ₹10 लाख तक
प्रति दिन 1–3 लीटर दूध देने की क्षमता
इन गुणों के चलते यह गाय देशभर में तेजी से लोकप्रिय हो रही है, और अब जशपुर भी इस प्रजाति के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम रख चुका है।

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