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परचम कुशाई के साथ शुरू हुआ लूतरा शरीफ में बाबा सैय्यद इंसान अली शाह का 67वां उर्स — सूफियाना माहौल में झूमे जायरीन, पहले दिन परचम फहराया गया, मटका पार्टी के कलाम से गूंजा दरगाह परिसर — रात तक चली नातिया महफ़िल

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बिलासपुर। सूफी संत हज़रत बाबा सैय्यद इंसान अली शाह रहमतुल्लाहि अलैह का 67वां सालाना उर्स पाक गुरुवार को लूतरा शरीफ दरगाह में परचम कुशाई के साथ शुरू हुआ।
सुबह 11 बजे दरगाह परिसर में इंतेजामिया कमेटी, खादिम, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और सैकड़ों जायरीनों की मौजूदगी में बाबा सरकार के नाम का झंडा फहराया गया।
जैसे ही “या हजरत” की सदा बुलंद हुई, पूरा माहौल रूहानी रंग में डूब गया।

नागपुर की जमील मैकस मटका पार्टी ने बाबा इंसान अली शाह के नाम पर सूफियाना कलाम पेश किए, जिनकी लय और साज़ ने जायरीनों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
दरगाह परिसर में इस दौरान आतिशबाज़ी और रंग-बिरंगे कागज़ों की बारिश ने आसमान को भी रोशन कर दिया।

संदल चादर निकली, गूंजा “अमन-ओ-शांति” का पैगाम

पहले दिन दोपहर 3 बजे दादी अम्मा की दरगाह के लिए संदल चादर निकाली गई।
सैकड़ों जायरीन पारंपरिक परिधान में, हाथों में गुलाब और अगरबत्ती लिए मटका पार्टी के साज-संगीत के साथ जुलूस में शामिल हुए।
संदल चादर के साथ मलंग और कलंदरों की टोली ने अपने करतबों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जहां-जहां से जुलूस गुज़रा, वहीं अमन, मोहब्बत और एकता की खुशबू फैलती चली गई।

लंगर और खिदमत की तैयारी पूरी — बुज़ुर्गों के लिए खास इंतज़ाम

जायरीनों की भारी आमद को देखते हुए इंतेजामिया कमेटी ने इस बार 24 घंटे जारी रहने वाला शाही लंगर शुरू किया है।
लंगर में चाय-नाश्ता, शाकाहारी प्रसाद के साथ-साथ बुज़ुर्गों और शुगर के मरीजों के लिए नांद रोटी की अलग व्यवस्था की गई है।
करीब 200 वालेंटियर्स लगातार व्यवस्था में जुटे हैं ताकि किसी जायरीन को तकलीफ न हो।
कमेटी ने अपील की है कि उर्स के दौरान डीजे साउंड का प्रयोग बिल्कुल न किया जाए, ताकि दरगाह का सूफियाना माहौल कायम रहे।

रात में नातिया मुशायरा — देर रात तक गूंजी शेर-ओ-नात की आवाज़ें

पहले दिन की रात दरगाह परिसर के समा महफिल हॉल में ऑल इंडिया नातिया तरही मुशायरा हुआ, जिसमें देशभर के नामचीन उर्दू शायरों ने अपनी नातिया शायरी पेश की।
मोहम्मद अली फ़ैज़ी (मालेगांव), नदीम रज़ा फ़ैज़ी (भोपाल), गुलाम नूरे मुस्सम (दिल्ली) और ज़ैनुल आबेदीन (लखनऊ) की पेशकश पर महफिल बार-बार तालियों से गूंज उठी।
कार्यक्रम का संचालन मशहूर शायर कफ़ील अम्बर अशरफ़ी ने किया।

प्रशासन ने लिया व्यवस्था का जायज़ा

उर्स की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मस्तूरी एसडीएम प्रवेश पैकरा, एडिशनल एसपी राजेन्द्र जायसवाल और तहसीलदार सोनू अग्रवाल ने दरगाह परिसर का मुआयना किया।
उन्होंने थाना प्रभारी और ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, ताकि चार दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक मेले में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

दूसरे दिन होगा शाही संदल और अमीनुल कादरी साहब का प्रवचन

शुक्रवार को दोपहर 3 बजे खम्हरिया मस्जिद स्थित नानी अम्मा की दरगाह से शाही संदल चादर निकाली जाएगी।
इसकी अगुवाई राज बैंड पार्टी बिलासपुर करेगी।
संदल चादर मुख्य मार्गों से होती हुई बाबा इंसान अली शाह की दरगाह पहुंचेगी।
रात 9 बजे मालेगांव (महाराष्ट्र) से आए प्रसिद्ध धर्मगुरु हजरत मौलाना सैय्यद अमीनुल कादरी साहब का प्रवचन होगा, जिसमें वे तालीम, इंसानियत और अमन का संदेश देंगे।

शिक्षा का संदेश : “दो रोटी कम खाओ, बच्चों को खूब पढ़ाओ”

इस बार दरगाह कमेटी ने उर्स को सिर्फ इबादत का नहीं, बल्कि तालीम और समाज सुधार का पर्व बनाने की ठानी है।
12 साल तक के बच्चों को कॉपी, पेन और पेंसिल किट बांटी जाएगी।
कमेटी का पैगाम है — “दो रोटी कम खाओ, लेकिन बच्चों को खूब पढ़ाओ।”

कमेटी के जिम्मेदार और समाज की भागीदारी

इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में चेयरमैन इरशाद अली, मोहम्मद सिराज (उपाध्यक्ष), रियाज अशरफी (सेक्रेटरी),
हाजी गुलाम रसूल (नायब सेक्रेटरी), रोशन खान (खजांची), हाजी अब्दुल करीम बेग,
फिरोज खान, महबूब खान, मोहम्मद कुद्दूस, अब्दुल रहीम, और स्थानीय मुस्लिम जमात, व्यापारी एवं पंचायत पदाधिकारी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

लूतरा शरीफ का यह उर्स सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि इंसानियत, मोहब्बत और एकता की उस परंपरा का हिस्सा है जो बरसों से इस मिट्टी की पहचान रही है।

 
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