छत्तीसगढ़

मौखिक आदेश पर हो रहा शिक्षा विभाग का संचालन, देखिए शिक्षा विभाग के कारनामे

Spread the love
Listen to this article

लखन गोस्वामी/कोरबा(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। कोरबा जिला में शिक्षा विभाग अपने मनमाने रवैये के लिए काफी सुर्खियों में है इसी कड़ी में शिक्षा विभाग का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिसमें विद्यालय के प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी के मिली भगत से पिछले तीन वर्षों से शासन के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है।

भ्रष्टाचार का यह ऐसा खेल है जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य समेत राज्य अतिथि शिक्षक (विद्या मितान) सभी शामिल हैं। मामला है कोरबा जिला के करतला विकासखण्ड स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जर्वे का जहाँ के प्राचार्य यू. एस. कंवर द्वारा किरण पटेल नाम की राज्य अतिथि शिक्षक (विद्यमितान) को गणित विषय के लिए पिछले तीन सत्रों से नियुक्त कर के सेवा लिया जा रहा है।

 

जब विद्यालय के प्राचार्य से इसकी जानकारी मांगी गई तो उनके पास किसी भी प्रकार का शिक्षा विभाग से लिखित नियुक्ति आदेश नहीं होना बताया गया और न ही विद्यालय में अतिथि शिक्षक किरण पटेल द्वारा कोई भी दस्तावेज जमा किया गया है। बिना लिखित आदेश और बिना किसी भी प्रकार के दस्तावेजों के सिर्फ जिला शिक्षा अधिकारी के मौखिक आदेश पर विद्यालय में 06 सितम्बर 2022 से अतिथि शिक्षक से सेवा लिया जा रहा है। उससे भी मजेदार बात यह है कि 06 सितंबर 2022 को अतिथि शिक्षक को नियुक्ति दी गई और उसके एक माह पश्चात 15 अक्टूबर 2022 को उसी विषय के लिए नियमित शिक्षक को भी उसी विद्यालय में पदभार दे दिया गया।

 

जबकि शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाईड लाइन के अनुसार जहाँ राज्य अतिथि शिक्षक (विद्यमितान) पदस्थ है वहाँ नियमित शिक्षक की नियुक्ति नहीं होनी है किंतु पिछले तीन सत्र से एक ही विद्यालय में एक ही विषय के राज्य अतिथि शिक्षक और नियमित शिक्षक अध्यापन कार्य कर रहे हैं और दोनों का वेतन भी बनाया जा रहा है।

इस मामले में कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं जैसे कि उक्त अतिथि शिक्षक की मूल नियुक्ति किस जिले के कौन से विद्यालय में हुई और उसकी प्रथम नियुक्ति आदेश कहाँ है? उसके द्वारा अपना दस्तावेज विद्यालय में क्यों जमा नहीं किया गया? क्या सिर्फ मौखिक आदेश पर किसी शिक्षक को विद्यालय में पदस्थ किया जा सकता है? आखिर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा राज्य अतिथि शिक्षक के लिए नियुक्ति आदेश क्यों नहीं जारी किया गया?

बिना किसी नियुक्ति आदेश के अतिथि शिक्षक से अध्यापन कार्य करवाकर 20 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से प्रति वर्ष 10 माह का वेतन प्राचार्य द्वारा बनाया जा रहा है। जबकि उसी विद्यालय के लिए नियुक्त नियमित शिक्षक को भी शासन द्वारा निर्धारित वेतन मिल रहा है। यह कहीं न कहीं शासन के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है।

विदित हो कि किसी भी विद्यालय में पदभार ग्रहण करने के लिए उक्त विभाग के नियुक्तिकर्ता द्वारा जारी नियुक्ति आदेश और संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति लेने के पश्चात ही पदभार ग्रहण कराया जाता है, लेकिन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जर्वे में मनमाने तरीके से बिना कोई आदेश व दस्तावेज के राज्य अतिथि शिक्षक को पदभार देकर अध्यापन करवाया जा रहा है। चूंकि अतिथि शिक्षक का वेतन देयक बनाकर प्राचार्य द्वारा शिक्षा विभाग को ही भेजा जाता है अतः यह शिक्षा विभाग के संज्ञान में नहीं हो ऐसा संभव नहीं है। भविष्य में ऐसे और भी कई सारे मामले सामने आने की संभावना है।

 
HOTEL STAYORRA नीचे वीडियो देखें
Gram Yatra News Video

Live Cricket Info

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button