छत्तीसगढ़

बस्तर में बीमारियों का कहर

जगदलपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। मौसमी बुखार के मामले अब भी बस्तर के ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब हैं। मौसम के बदलाव के कारण हर दिन हास्पिटल में मरीजों की संख्या अच्छी-खासी दर्ज हो रही है।

वर्ष 2025 के साढ़े 6 महीने में आंकड़ों पर डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफ्टीलाइटिस जैसी बीमारियों के अलावा डायरिया के भी प्रकरण सामने आ रहे हैं।

बस्तर संभाग के सातों जिलों में डेंगू 61, जापानी बुखार 19, सर्पदंश 161, मलेरिया के 7927 मरीज हैं। बस्तर में डेंगू के सर्वाधिक 990 नमूनों की जांच बस्तर जिले में की गई, जिनमें से 43 पॉजीटिव मरीज पाए गए। सुकमा में 13 और बीजापुर जिले में 5 डेंगू मरीज मिले। इसके अलावा किसी जिले में डेंगू की शिकायत नहीं थी। मलेरिया के सबसे ज्यादा बीजापुर जिले में 3567 धनात्मक मरीज मिले। 1227 पॉजीटिव मरीज नारायणपुर जिले में पाए गए। बस्तर जिले में 1067 और सुकमा में 1196 मरीज मलेरिया पीड़ित थे। संभाग में जेई के 19 पॉजीटिव केस सामने आए, जिनमें से 13 बस्तर और 3 बीजापुर जिले के थे। सर्पदंश के भी कुछ मामले देखने को मिले।
3.5 प्रतिशत पाया गया डेंगू संक्रमण

एक अध्ययन के अनुसार बस्तर जिले में डेंगू की 2.7 फीसदी एनएस-1 पॉजीटिव और 12.6 प्रतिशत आईजीएम पॉजीटिव केश दर्ज हैं, जिससे कुल मिलाकर 3.5 प्रतिशत डेंगू संक्रमण पाया गया। हालांकि यह अध्ययन मार्च 2025 तक का है पर इससे पता चलता है कि डेंगू बस्तर में मौसमी रूप से संक्रामक बना हुआ है। तेज गर्मी के बाद थोड़ी बारिश, दिन-रात के तापमान में बदलाव इसकी वजह से वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ता है। वायरल फीवर के साथ-साथ डेंगू भी सक्रिय है, जिसे मौसम के अनुसार मच्छरों के कारण तेजी से फैलने का खतरा बना रहता है।

बचाव और उपचार के उपाय

डॉक्टरों के अनुसार दिन में कम से कम 3- 4 लीटर पानी या तरल पदार्थ लेने के साथ ही मच्छरों के पनपने वाले स्थानों (खुले पानी, कूड़ा-कचरा) का निस्तारण समय-समय पर करते रहें। 3 दिनों से अधिक बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। खांसी, गले में खराश हो तो मास्क पहनें।वायरल फीवर के लक्षण आए तो एनएस-1 या आईजीएम परीक्षण करवाएं।

ऐसे लक्षण को पहचानें

बताया जा रहा है कि लक्षण जैसे तेज बुखार, बदन दर्द, ठंड लग रही हो तो तुरंत नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल जाएं। पानी के स्रोतों का ढंककर रख-रखाव करें और मच्छरदानी-रोग निरोधक उपाय अपनाएं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। उन्हें साफ, हल्का भोजन और पर्याप्त पानी दें।

सीएमएचओ को दिए निर्देश

स्वास्थ्य विभाग बस्तर संभाग के संयुक्त संचालक डॉ. केके नाग ने सातों जिलों के सीएमएचओं को निर्देश दिए कि मौसम के चलते महामारी पर गांव-गांव में ग्रामीणों की जांच करें और जरूरत हो तो शिविर कर मरीजों का उपचार करें।

 

 
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