छत्तीसगढ़

बच्चों को वर्चुअल वर्ल्ड नहीं,फिजिकल वर्ल्ड में रखें माता-पिता : निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय

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धूमधाम से मना लिटिल मंचकिन किंडरगार्टन स्कूल का वार्षिकोत्सव 

कोरबा(ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। “प्रारंभिक बचपन की नींव” इस उद्देश्य के साथ लिटिल मंचकिन किंडरगार्टन स्कूल का वार्षिकोत्सव समारोह वर्ष 2024-25 ‘टुगेदर वी शाइन’ का भव्य आयोजन 20 दिसंबर 2024 को होटल टॉप इन टाउन आईटीआई, में धूमधाम से किया गया।


समारोह के मुख्य अतिथि श्री आशुतोष पांडेय (आईएएस) आयुक्त, नगर पालिक निगम कोरबा तथा विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक तिवारी, सदस्य, छत्तीसगढ़ राज्य अधिवक्ता परिषद थे।
स्कूल की डायरेक्टर डॉ. कविता तिवारी ने अतिथि द्वय का स्वागत बैज लगाकर व पुष्प गुच्छ भेंट कर किया। मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन व स्वागत की औपचारिकता के पश्चात मंचीय उद्बोधन में अतिथियों ने विद्यालय परिवार को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उत्तरोत्तर प्रगति की कामना की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय ने कहा कि बच्चों की नई शिक्षा नीति में अभिभावकों की भी उतनी जिम्मेदारी होनी चाहिए जितनी कि छात्रों व शिक्षकों की होती है। उन्होंने कहा कि आज बच्चे अपने माता-पिता, अपने हमजोली के साथ नहीं बल्कि टीवी और मोबाइल के साथ बड़े हो रहे हैं। वर्चुअल वर्ल्ड बच्चों के बचपन को बर्बाद कर रहा है। उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों को वर्चुअल वर्ल्ड नहीं बल्कि फिजिकल वर्ल्ड में रखें। बच्चों को धूल,मिट्टी, पसीने में बड़ा करने की कोशिश करें क्योंकि इससे ही सिंचकर-पल कर बड़े हुए बच्चे पीपल के पेड़ की तरह मजबूत होंगे ना कि शो-दार पौधे की तरह कमजोर।
आयुक्त ने कहा कि बच्चों को अपने साथ हर एक्टिविटी में माता-पिता शामिल करें। अपने बच्चों में सामाजिक गतिविधियों से जुड़कर रहने की आदत अभी से डालें। उन्हें पानी-बिजली की बचत करना, साफ- सफाई जैसे प्रेरक गतिविधियों से अवगत कराते हुए उनके उपयोग के महत्व को भी समझाया जाए। बच्चों में खास अवसर पर पौधारोपण करने की भी आदत डालें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरबा में धूल और डस्ट के बीच हम रहते हैं, उसमें पेड़-पौधे ही ऑक्सीजन देकर बचाकर रखे हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कभी मरता नहीं, वह री-यूज हो जाता है ,रिसाईकल हो जाता है पर खत्म नहीं होता इसलिए प्लास्टिक का उपयोग करने की आदत में भी बदलाव जरूरी है। आयुक्त ने कहा कि अच्छी आदतों के साथ बढ़ते बच्चे ही देश के संस्कृत नागरिक बनकर स्वयं और अपने देश को तरक्की के राह पर अग्रसर करेंगे। नगर निगम आयुक्त होने के नाते नगर में साफ-सफाई, बिजली, पानी की बेहतर सुविधा देना मेरी जिम्मेदारी है और इसमें सबका सहयोग जरूरी है। आयुक्त ने आयोजन के लिए विद्यालय परिवार को अपनी शुभकामनाएं दी।
इससे पूर्व विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक तिवारी ने कहा कि बच्चे खेल-खेल में सीखते हैं और यह विद्यालय बच्चों को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उनके शारीरिक, मानसिक, शैक्षणिक विकास के लिए कार्य कर रहा है। अपने कर्म का बेहतर प्रदर्शन करते हुए विद्यालय निरंतर प्रगति की राह पर अग्रसर हो, यह शुभकामना है। श्री तिवारी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अभिभावकों की भावनाओं के साथ जुड़ कर जो शिक्षा देने का प्रयास हो रहा है, वह बच्चों के लिए लाभकारी होगा। उद्बोधन बाद डायरेक्टर डॉ. कविता तिवारी ने दोनों अतिथियों को शॉल-श्रीफल और विद्यालय परिवार की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इससे पूर्व अपने स्वागत उद्बोधन में स्कूल निदेशिका डॉ. कविता ने कहा कि यह स्कूल कोरबा के पालकगणों के विश्वास पर शत- प्रतिशत खरा उतरा है। विगत तीन वर्ष के इस स्कूल ने आज कोरबावासियों के दिल में जो विश्वास पैदा किया है वह सदैव बना रहेगा। शिक्षा का स्तर आने वाले समय में और बेहतर कर बच्चों की नीव को और मजबूती प्रदान की जाएगी।

इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक और संदेशपरक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। अंत में विद्यालय के प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया गया। संपूर्ण आयोजन को सफल बनाने में डायरेक्टर डॉ. कविता तिवारी के मार्गदर्शन में विद्यालय के समस्त शिक्षक और स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा। इस वार्षिकोत्सव में अभिभावकों के साथ स्कूल की अध्यापिकाएं अंजुषा सिंह, विभा सिंह, रंजीता चौधरी व निकिता शर्मा की गरिमामय उपस्थिति रही।

 

 
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