छत्तीसगढ़

पेंशनर्स सावधान: डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन जैसे कई और तरीकों से ठगी कर रहे साइबर ठग…

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रायपुर। आजकल साइबर अपराधी पेंशनर्स को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। सबसे हालिया और गंभीर वारदातों में से एक पेंशन धारकों को “जीवन प्रमाण पत्र” ऑनलाइन अपडेट करने के बहाने फोन कॉल करना शामिल है। इन ठगों के पास पेंशन धारकों का पूरा व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा होता है, जिससे वे अपनी विश्वसनीयता साबित करने की कोशिश करते हैं।

वारदात का तरीका:
साइबर ठग पेंशन धारकों को कॉल करके दावा करते हैं कि वे पेंशन निदेशालय से हैं।
उनके पास पेंशनर्स की नियुक्ति और सेवानिवृत्ति की तारीख, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड, स्थायी पता, ई-मेल आईडी, पेंशन राशि, नामिनी की जानकारी जैसी व्यक्तिगत जानकारी होती है।

ठग पेंशनर्स को यह विश्वास दिलाते हैं कि उनके जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन अपडेट करना आवश्यक है और इसके लिए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की आवश्यकता होगी।
जैसे ही पेंशनर्स ओटीपी साझा करते हैं, ठग उनके बैंक खाते तक डायरेक्ट एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं।

इसके बाद, ठग पेंशन धारकों के बैंक खाते से संपूर्ण राशि को फर्जी खातों या ई-वॉलेट्स में स्थानांतरित कर देते हैं।

सावधान रहने की जरूरत:
पेंशन निदेशालय कभी भी किसी पेंशनर को जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता।
जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय जाकर ही अपडेट करना चाहिए।

किसी भी फर्जी कॉल के आने पर तुरंत ‘रेंज साइबर थाना रायपुर’ या ‘साइबर क्राइम रायपुर’ को सूचित करें।

 

 
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