छत्तीसगढ़

ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने ड्रॉपआउट मुक्त ग्राम पंचायत अभियान

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महासमुंद। महासमुंद जिले में ड्रॉपआउट मुक्त ग्राम पंचायत अभियान का शुभारंभ कलेक्टर प्रभात मलिक द्वारा किया गया। आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत इस अभियान का उद्देश्य जिले की सभी ग्राम पंचायतों को ड्रॉपआउट मुक्त बनाना है। इसके तहत कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को शाला की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु ग्राम पंचायत प्लानिंग एंड फैसिलिटेशन टीम के माध्यम से ऐसे बच्चों की पहचान की जा रही है, जो किसी भी कारण से शाला त्याग चुके हैं। डिस्ट्रिक्ट लीडर महेंद्र आर्य पीरामल फाउंडेशन (एस्पिरेशनल भारत कोलोबोरेटिव) ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 से 18 वर्ष के बच्चों को पुनः स्कूल से जोड़ना है। आकांक्षी ब्लॉक पिथौरा की 126 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और सचिवों को इस अभियान के बारे में जानकारी दिया गया। इस बैठक में ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान, उनके ड्रॉपआउट होने के कारणों का पता लगाना, और उनका पुनः नामांकन कराने पर जोर दिया गया। कलेक्टर श्री प्रभात मलिक ने इस प्रयास की सराहना करते हुए पूरे जिले में अभियान को विस्तारित करने की घोषणा की। उन्होंने पंचायतों, स्कूलों, शिक्षकों और सामुदायिक संगठनों को सहयोग करने की अपील की। सामुदायिक बैठकों, कार्यशालाओं और जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से लोगों को इस अभियान के महत्व और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस अभियान से उम्मीद है कि महासमुंद जिले के सभी बच्चे अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे और स्किल डेवलपमेंट में मदद पाकर अपने जीवन में नई ऊंचाइयों को छू सकेंगे।

 
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