छत्तीसगढ़

भारतीय वन सेवा के अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ के चार दिवसीय दौरे पर

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वन प्रबंधन की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं का करेंगे अध्ययन

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून की ओर से 32 भारतीय वन सेवा के अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ राज्य के चार दिवसीय दौरे पर आया हुआ है। आईएफएस अधिकारियों का यह दल अपने मिड कैरियर ट्रैनिंग फेज-3 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में वन प्रबंधन की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं एवं मॉडल का अवलोकन-अध्ययन करेगा। अधिकारियों की इस अध्ययन यात्रा का उद्देश्य लघु वनोपज प्रबंधन, सामुदायिक वन प्रबंधन और मृदा-नमी संरक्षण के मॉडल को देखना और समझना है।

आईएफएस अधिकारियों का दल आज धमतरी पहुंचा, जहां वन मण्डलाधिकारी जाधव श्रीकृष्ण एवं अन्य अधिकारियों के साथ पाम्पर नाला में मृदा एवं जल संरक्षण कार्यों और दुगली स्थित लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र में संचालित गतिविधियों का अवलोकन किया वन मण्डलाधिकारी जाधव श्रीकृष्ण अधिकारियों के दल को प्रसंस्करण केन्द्र के माध्यम से लघु वनोपज का संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

गौरतलब है कि आईएफएस अधिकारियों का दल छत्तीसगढ़ राज्य में वन प्रबंधन मॉडल को जानने और समझने के लिए रायपुर पहुंचा। रायपुर में अधिकारियों ने अरण्य भवन, नवा रायपुर में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद किया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राव ने सतत वन प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों और रणनीतियों को साझा किया। बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ वन विभाग की विभिन्न पहलों पर प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज महासंघ के प्रबंध संचालक अनिल कुमार साहू ने लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह मॉडल जनजातीय महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू प्रबंध) सुनील कुमार मिश्रा ने मृदा एवं जल संरक्षण योजनाओं पर जानकारी दी, जबकि सीईओ कैम्पा  ओ.पी. यादव ने वनों में जलधाराओं के पुनर्जीवन के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। प्रभारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संयुक्त वन प्रबंधन) नावेद शुजाउद्दीन ने वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत सामुदायिक वन अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पर चर्चा की।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ वन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिनमें प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य योजना) मोरिस नंदी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (बजट) संगीता गुप्ता, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव)प्रेम कुमार, मुख्य वन संरक्षक शालिनी रैना, मुख्य वन संरक्षक (बांस मिशन) एस. वेंकटाचलम, मुख्य वन संरक्षक रायपुर राजू अगासीमनी, कैम्पा के संयुक्त सीईओ अमिताभ बाजपेई, वन संरक्षक सातोविषा समाजदार, वन संरक्षक (उत्पादन) सलमा फारूकी और वन संरक्षक  मणिवासगन शामिल थे। बैठक के दौरान अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और उपयोगी सुझाव दिए। आईएफएस अधिकारियों के दल ने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी का अवलोकन किया, जहां सातोविषा समाजदार और गणवीर धामशील ने उन्हें वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन की जानकारी दी।

 

 
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