20.07.22| प्रदेश में इनदिनों विपक्ष कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने में लगी हुई है. आज विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन भाजपा ने जमकर भूपेश कैबिनेट पर निशाना साधा है. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार की चल रही योजना और पंचायत मंत्री के इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है.
विधानसभा सत्र से निकलने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, “500 से ऊपर मामले हैं, जिसका अभी तक निराकरण नहीं हुआ तो ऐसे भेंट-मुलाकात का क्या औचित्य है? मतलब अधिकारियों का जमावड़ा करना, पूरा जमावड़ा करके पूर्व नियोजित लोगों को लाकर बिठाना, उनको बोलवाना, उसके बाद भी जो प्रश्न आए उसका समाधान नहीं होना. मैं समझता हूँ कि मुख्यमंत्री जी का भेंट-मुलाक़ात केवल और केवल शासकीय राशियों का दुरूपयोग है और वहां पर जिस प्रकार से सजाने और रंगाने का काम किया गया. ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई कार्यक्रम अपन आयोजित करते हैं किसी को ठेका देकर के; तो ऐसा ही कार्यक्रम यहां पर हुआ.“
“इसमें शासकीय राशियों का दुरूपयोग और अधिकारियों का कार्यालय नहीं जाना, उस समय तक पूरे प्रशासन ठप्प रहे. कोई अधिकारी कार्यालय में नहीं रहे और कार्यालय में केवल यही सिखाते रहे कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को क्या बोलना हैं? स्कूल में क्या बोलना है? केवल इसी में मुख्यमंत्री जी लगे रहे. तो इस तरह से प्रदेश के कार्य को ठप्प करने का काम मुख्या द्वारा किया जा रहा था.”
देखिए स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. हम अभी तक अड़े हुए हैं. स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए कि वह पंचायत मंत्री है या नहीं है. उनका त्यागपत्र स्वीकार किया गया है या नहीं किया गया है? और नहीं किया गया है तो वह भी बतानी चाहिए कि कल उसके बदले सदन में कौन जवाब देगा?

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