छत्तीसगढ़

डीकेएस गड़बड़ी मामले में एक आईएफएस व चार डाक्टरों को नोटिस जारी

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रायपुर । डीकेएस अस्पताल करप्शन मामले में जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। पुनीत गुप्ता के बयान दर्ज होने और चौथी नोटिस जारी करने की तैयारी के बीच अब एक आईएफएस अफसर सहित 5 लोगों पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। रायपुर पुलिस सीजीएमएससी यानि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन के आईएफएस नरसिम्हा राव के खिलाफ नोटिस करने जा रही है। एमडी नरसिम्हा राव और चार डाक्टरों के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त सबूत है, लिहाजा ये तय है कि उन सभी की गिरफ्तारी हो सकती है।
नरसिम्हा राव अभी सीजीएमएससी में ही पदस्थ हैं। आरोप है कि डीकेएस अस्पताल में हुई खरीदी मामले में घोर लापरवाही बरती गयी है और जमकर घोटाला किया गया है। इस मामले में उनकी भी संलिप्तता है। दरअसल डीकेएस अस्पताल के लिए 60 करोड़ रुपये के समान की खरीदी की गयी थी। पूरी खरीदी सीजीएमएससी के माध्यम से ही की गयी थी। खरीदी की पूरी जिम्मेदारी भी सीजीएमएससी के ही जिम्मेदारी थी, लिहाजा पुनीत गुप्ता से ज्यादा गंभीर आरोप नरसिम्हा राव है। नरसिम्हा राव आईएफएस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।
चार डाक्टर की भी थी खरीदी में भूमिका – इस मामले चार अन्य डाक्टर के खिलाफ भी नोटिस जारी हो रहा है। ये सभी अगर नोटिस का जवाब देने हाजिर नहीं होते, तो फिर इऩके खिलाफ गिरफ्तारी हो सकती है। जिन चार डाक्टरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। उनमें डॉ. प्रफुल्ल् डावले, डा अमीन मेनन, डॉ. कृष्णा ध्रुव और डॉ. स्वाति शर्मा के नाम शामिल हैं। इन सभी पर डीकेएस अस्पताल में घोटाले में संलिप्तता के गंभीर आरोप है। लिहाजा पुछताछ के बाद इन सभी पर शिकंजा कसा जायेगा। इधर पुनीत गुप्ता की जमानत रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी है, जिस पर 8 मई को सुनवाई होनी है। अगर वहां जमानत आदेश को रद्द कर दिया जाता है, तो फिर पुनीत गुप्ता की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

 
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