विधायक जयसिंह अग्रवाल ने खोली साड़ियों की दुकान ! इस कीमत पर होम डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध…
कोरबा – कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल को कहीं आप भूल तो नहीं गए न? आप भूल न जाएं इसलिए नेताजी ने विशेष प्रबंध कर रखा है पहले इलाके के लोगो को अपने नाम छपे बैग बंटवा दिया बाद में किसी ने बताया कि लोग नाम से शायद न पहचाने क्योंकि पिछले कई महीनों से तो बैनर और विज्ञापनों में आपने जयसिंह अग्रवाल अपने फोटो के साथ लिखवाया है ऐसे में वो कोई और जयसिंह अग्रवाल विधायक कोरबा न समझ लें तो नेताजी ने चतुराई दिखाई थोक में 1 लाख साड़ियां मंगवाई और एक रिश्तेदार को इसके वितरण का जिम्मा दिया ताकि कोई हेर फेर न हो। भरोसे का मामला तो उनका आप सभी जानते ही हैं साड़ियों के साथ बांटे गए झोले में बकायदा जयसिंह अग्रवाल विधायक के साथ अपना फोटो डलवाना भी नेताजी इस बार नहीं भूले है। साड़ियों की कीमत केवल विधानसभा चुनाव में आपका वो बहुमूल्य वोट है जिसकी पेशगी अभी अदा की जा रही है। साड़ी से ज्यादा अच्छी क्वालिटी झोले की है। क्योंकि झोले में नेताजी की तस्वीर लगी हुई है ये साड़ियां रमन सिंह के उस स्मार्ट फोन को तरह ही है जो था तो स्मार्ट लेकिन काम करता था पूरा सपाट ! साड़ियों को झोले से निकालते ही बांटने वाले को मतदाता अच्छे शब्द कहते नहीं चूकते है।
मंत्री जी ओह फिलहाल कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल जी का मैनेजमेंट भी गजब का है दुकान के नाम से साड़ियां मंगवा ली गई जो किसी भी चेकिंग पॉइंट में नहीं पकड़ी गई अब लगातार वितरण भी हो रहा है और कोई धर पकड़ नहीं हो रही है। प्रशासन के मुखबिर भी वितरण की कोई सटीक सूचना नहीं दे पा रहे है। वरना थोक के दाम में ही 40 से 60 रुपए मिलने वाली ये साड़ियां पकड़ में आने के बाद कोरबा प्रशासन का मान जरूर बढ़ता ! बीजेपी भी इसको मुद्दा नहीं बना रही है क्योंकि उनको भी आगे कुछ न कुछ वितरण तो करना ही है। इसीलिए विशाल केलकर का वो जिंगल काफी फेमस हुआ 10 का मुर्गा खाओगे तो ऐसे ही सड़क पाओगे ! साड़ियां लेने में बुराई नहीं है लेकिन मतदान किसी भी पार्टी को उनके कामों के आंकलन से करना हम सबका फर्ज बनता है। गुणवक्ताहीन साड़ियों को देख तो संगीतगार अज़ीज़ नाज़ा के कव्वाली के वो बोल याद आते है “आज जवानी पर इतराने वाले कल पछतायेगा, चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा”