August 3, 2025 |

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चक्रवाती तूफान ‘फेनी’ से भीषण तबाही रोक दुनिया के लिए मिसाल बना भारत

Gram Yatra Chhattisgarh
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भीषण चक्रवाती तूफान ‘फेनी’ का सामना करने के बाद ओडिशा में बड़े स्तर पर कोई जानहानि का नुकसान नहीं होने से राज्य सरकार को प्रशंसा मिल रही है। ओडिशा सरकार और स्थानीय प्रशासन ने अपनी बेहतर योजना के कारण दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भी चक्रवाती तूफान के कहर से निपटने के लिए किए गए कार्यों की जमकर सराहना की है।
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के आपदा जोखिम रिडक्शन के प्रवक्ता डेनिस मैकक्लेन ने भारत सरकार की शून्य-हताहत आकस्मिक चक्रवात संबंधी तैयारियों की नीति पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा, भारतीय मौसम विभाग के शुरुआती चेतावनियों की लगभग सटीकता ने अधिकारियों को अच्छी तरह से लक्षित बचाव योजना का संचालन करने में सक्षम कर दिया था। जिसमें दस लाख से अधिक लोगों को तूफान आश्रय शिविरों तक पहुंचाना शामिल था।
आपदा के खतरे में कमी लाने वाली यूएन की एजेंसी ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की फोनी के बारे में सटीक चेतावनी की जमकर तारीफ की है। डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (आपदा के खतरे में कमी) फॉर यूनाइटेड नेशंस सेक्रटरी जनरल की विशेष प्रतिनिधि और जिनेवा स्थित यूएन ऑफिस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन की प्रमुख मामी मिजोटरी ने कहा कि भारत का कम से कम नुकसान के दृष्टिकोण ने तबाही में काफी कमी ला पाने में सफलता पाई।
ओडिशा सरकार ने लोगों को सचेत करने में और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में अपनी पूरी मशीनरी झोंक दी। तूफान से पहले करीब 26 लाख टेक्स्ट मैसेज भेजे गए, 43 हजार वॉलंटियर्स, 1000 आपातकालीन कर्मी, टीवी पर विज्ञापन, तटीय इलाकों में लगे साइरन, बसें, पुलिस अधिकारी और सार्वजनिक घोषणा जैसे तमाम उपाय राज्य सरकार ने किए।
संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के आपदा जोखिम रिडक्शन के प्रवक्ता मैकक्लेन ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने चक्रवाती तूफान से बचाव के लिए बनाए गए 880 विशेष शिविरों समेत करीब चार हजार आश्रय स्थलों में तटीय और नीचले इलाकों से बचाकर लाए गए लोगों को रहने-खाने की व्यवस्था की। उन्होंने कहा, स्कूल से लेकर हवाईअड्डे तक बंद कर दिए गए, परिवहन पर रोक लगा दी गई तथा आधारभूत सुविधाओं के भारी नुकसान के बावजूद इस दौरान एक भी मौत की रिपोर्ट नहीं है।
शुक्रवार को ओडिशा के तटीय इलाकों से टकराया तूफान फोनी के दौरान 220 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। बस, कार, क्रेन, पेड़ कुछ भी तूफान के आगे नहीं टिक पाया। तूफान के बाद तबाही के मंजर की तस्वीरें देखकर दिल दहल जाए, लेकिन जिस तरह की तबाही थी उस तरह की जनहानि नहीं हो पाई और यहीं ओडिशा ने दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है।

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