July 19, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
न टूटेगा किसी का मकान, न दुकान, उद्योग मंत्री ने आयुक्त को दिए निर्देशबस्तर में सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन: 6 माओवादियों के शव बरामद, हथियार और गोला-बारूद जब्तदो आदतन गुंडा बदमाश को गिरफ्तार कर चांपा शहर में निकाला गया जुलूस, देखिए वीडियो…भाजपा नेताओं ने सुरेश कुमार शर्मा को विधिक सलाहकार नियुक्ति पर दी बधाई…कोरबा को मिली बड़ी सौगात — एमजेएम हॉस्पिटल का शुभारंभ कल, उपमुख्यमंत्री अरुण साव करेंगे उद्घाटन, शहर को मिलेगा अत्याधुनिक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालED ने ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में गूगल और मेटा को दिया नोटिस, 21 जुलाई को पूछताछवित्त मंत्री ओपी चौधरी ने फसल अमृत को सराहाथैलेसीमिया पीड़ित 30 बच्चों को मुफ्त जांच और उपचार, जगी नई उम्मीदईडी की दुर्भावनापूर्वक कार्यवाही के विरोध में कांग्रेस ने धरना दियाकर्मचारियों को “गज संकेत एप“ के माध्यम से हाथियों के लोकेशन व ट्रैकिंग करने के संबंध में दिया गया प्रशिक्षण
छत्तीसगढ़

पट्टे की भूमि सेे बदली शोभितराम की किस्मत

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

दो फसली खेती और सब्जी उत्पादन से आत्मनिर्भरता की ओर

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। छत्तीसगढ़ सरकार की वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे पर मिली भूमि से महासमुंद जिले के ग्राम बैहाडीह निवासी शोभितराम बरिहा के जीवन में बदलाव दिखाई देने लगा है। बिंझवार जाति से ताल्लुक रखने वाले श्री बरिहा वर्षों तक अपने कब्जे की जमीन पर खेती करते रहे, लेकिन वर्षा पर निर्भरता और संसाधनों की कमी के चलते बेहतर फसल उत्पादन न कर पाना और अपनी मेहनत से उपजायी फसल को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर थे। उनकी सालाना आय मुश्किल से 25-30 हजार रुपये तक सीमित थी।

लेकिन वन अधिकार अधिनियम के तहत काबिज भूमि का पट्टा मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने नई दिशा ली।

पट्टा मिलने के बाद शोभितराम ने जमीन का शासन की मनरेगा योजना के तहत सुधार और समतलीकरण हुआ, जिससे उनकी खेती अधिक उत्पादक हो गई। अब वे अपनी उपज को सरकारी धान उपार्जन केंद्रों समर्थन मूल्य पर बेचने के साथ ही शासन की ओर से मिलने वाली आदान सहायता का लाभ भी पाने लगे हैं। उनकी वार्षिक आय अब 60-70 हजार रुपये तक पहुंच गई है, जो पहले की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है।

वन अधिकार पट्टा ने शोभितराम को आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने का रास्ता दिखाया। 

ट्यूबवेल लगाकर उन्होंने सिंचाई की सुविधा सृजित की, जिससे अब वे साल में दोहरी फसल उपजा पा रहे हैं। ग्रीष्मकाल में गेहूं, सूरजमुखी और सब्जियों की खेती ने उनकी आय को और बढ़ा दिया। आर्थिक स्थिति सुधरने से उन्होंने अपने परिवार के लिए एक पक्का मकान बनवाया। इतना ही नहीं, उन्होंने एक नया ट्रैक्टर भी खरीदा, जो उनके कृषि कार्यों में सहायक होने के साथ-साथ किराये पर देकर आय का अतिरिक्त स्रोत बन गया है।

वन अधिकार पट्टा मिलने से जीवन में आयी निश्चितता और स्थिरता ने न केवल शोभितराम की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया। उनके परिवार में अब खुशहाली है और वे अपने भविष्य को लेकर अधिक आशावान हैं।

शोभितराम कहते हैं, वन अधिकार पट्टा मिलने के बाद मैंने अपनी जमीन पर पूरी तरह से मेहनत की। सरकार की योजनाओं और तकनीकी मदद से अब मुझे खेती से अच्छी आय हो रही है। इससे मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और अपने परिवार का जीवन बेहतर बनाने में सक्षम हुआ हूं। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल ग्रामीण समुदाय के जीवन में स्थिरता, आर्थिक सुधार और सामाजिक प्रतिष्ठा का आधार बन रही है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close